15 अगस्त को मांस की दुकानों को बंद रखने के कथित आदेशों पर एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ा विरोध जताया है। ओवैसी ने इन आदेशों को “असंवैधानिक” करार दिया और कहा कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस है, जो एक खुशी का अवसर है, कोई धार्मिक त्योहार नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश जारी नहीं किए जाने चाहिए थे। कुछ नगर निगमों ने 15 अगस्त को मीट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है, जिसके बाद ओवैसी ने यह बयान दिया है। उनका यह बयान देशभर में धार्मिक स्वतंत्रता और व्यवसाय करने के अधिकार पर एक नई बहस को जन्म दे सकता है।
ओवैसी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने आजादी की लड़ाई में बहुत कुर्बानियां दी हैं। ऐसे में यह दिन सभी धर्मों के लोगों को मिलकर खुशी से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मांस बेचना लोगों की आजीविका का साधन है, और इस पर रोक लगाना सही नहीं है। ओवैसी ने कहा कि अगर कोई शराब पीकर कोई गलत काम करता है, तो वह एक अलग बात है, लेकिन मांस बेचना लोगों का पेशा है, जिससे उनका घर चलता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश भारत की विविधता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले सरकार की असली मंशा पर सवाल उठाते हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।