28 फरवरी 2012 ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज खेली जा रही थी। भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ एक ऐसा मुकाबला खेलना था जहां पर भारतीय टीम को न केवल जीत चाहिए थी बल्कि एक ऐसी जीत चाहिए थी जिससे भारतीय टीम कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में बरकरार रहे और फाइनल में पहुंचने की उसकी उम्मीदें भी जीवित रहे।
भारतीय टीम की उन उम्मीदों को जीवित रखा था एक ऐसे युवा खिलाड़ी ने जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलते हुए सिर्फ 4 साल ही हुए थे। और उस 4 साल के अंतराल में उस खिलाड़ी ने पहले भी कई बेहतरीन पारियां खेली थी। लेकिन उसे दिन होबार्ट में दुनिया ने उस विराट कोहली को देखा जिसने होबार्ट में तूफान मचा दिया था।
भारतीय टीम को होबार्ट में जीतने के लिए 50 ओवर में 321 रन बनाने थे। लेकिन भारतीय टीम उस सीरीज में जीवित तभी रहती जब भारतीय टीम उस लक्ष्य को 40 ओवर में पूरा करती। और विराट कोहली की 86 गेंद में 133 रनों की पारी की बदौलत भारतीय टीम ने लक्ष्य को 36.4 ओवर में हासिल कर लिया था।