बिहार में आज विपक्षी दलों के ‘महागठबंधन’ ने चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के विरोध में ‘चक्काजाम’ किया। इस बंद का असर राजधानी पटना समेत जहानाबाद, दरभंगा, भोजपुर और अन्य जिलों में व्यापक रूप से देखा गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका और सड़कों पर जमकर बवाल किया।
सुबह से ही महागठबंधन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। पटना में प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़कों को जाम कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई जगहों पर टायरों में आग लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। ‘वोटबंदी नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जहानाबाद और दरभंगा में रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को रोक दिया, जिससे रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। बिहिया, सचिवालय हाल्ट और अन्य स्टेशनों पर भी ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर बैठकर और नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया।
महागठबंधन का आरोप है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की यह प्रक्रिया चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य कमजोर वर्गों को उनके मताधिकार से वंचित करना है। उनका कहना है कि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे अधिकांश गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के पास नहीं हैं, जिससे करोड़ों मतदाताओं के नाम सूची से कट सकते हैं। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए और उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर पटना में चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोला।
इस ‘चक्काजाम’ के कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन के बाधित होने से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें आईं। पुलिस और प्रशासन ने कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, लेकिन कई स्थानों पर तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।