प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की तो विपक्ष ने जमकर शोरशराबा किया। मोदी ने अपना भाषण जारी रखा। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। मोदी के भाषण के बीच नारेबाजी चल रही थी, तभी विपक्ष ने सदन का बॉयकाट कर दिया। मोदी ने कहा कि विपक्ष में अब इतनी हिम्मत भी नहीं बची कि वे कोई बात सुन सकें। सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के इस कदम में पीठ दिखाना बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस कदम से गहरी निराशा हुई है। आज तक उन्होंने इस तरह के दृश्य नहीं देखे। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान का अपमान है। उन्होंने नसीहत दी कि संविधान जेब में रखने की नहीं दिल में रखने की जरूरत है।
प्रोपेगंडा को परास्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन चुनावों में हमें देश की जनता की बुद्धिमता पर गर्व होता है। उन्होंने प्रोपेगंडा को परास्त कर दिया। जनता ने प्रदर्शन को प्राथमिकता दी। उन्होंने धोखे की राजनीति को खारिज कर दिया और विश्वास की राजनीति पर जीत की मुहर लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।
फैसले को धूमिल करने का प्रयास
मोदी ने कहा कि भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की।