संसद में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बीच में रोके जाने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि आखिर किसके दबाव में इस महत्वपूर्ण अभियान को रोका गया, जबकि यह अपने अंतिम चरण में था। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद ही रोका गया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर, जिसका उद्देश्य सीमा पार से संचालित हो रहे आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, अचानक रोक दिया गया। गौरव गोगोई ने कहा, “जब हमारी सेनाएं दुश्मनों को घेर रही थीं और निर्णायक जीत के करीब थीं, तब अचानक ऑपरेशन क्यों रोक दिया गया? क्या यह किसी बाहरी दबाव का परिणाम था?”
इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को किसी दबाव में नहीं रोका गया। यह एक सुनियोजित सैन्य अभियान था जिसका एक स्पष्ट लक्ष्य था-न्हित आतंकी अड्डों को पूरी तरह से नष्ट करना। हमारी सेना ने इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया था।” रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ऑपरेशन के तहत सभी प्रमुख आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया है और उनकी क्षमता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैनिकों की सुरक्षा और अभियान की रणनीति को ध्यान में रखते हुए ही यह निर्णय लिया गया था।
सरकार के इस स्पष्टीकरण के बावजूद, विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा और उन्होंने इस मुद्दे पर अधिक जानकारी और पारदर्शिता की मांग की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार कुछ तथ्यों को छिपा रही है और इस मामले पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।