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    ऑपरेशन सिंदूर नए युग की शुरुआत, इजराइल की तर्ज पर ठोकेगा भारत

    2014 के पहले पाकिस्तान ने भारत पर कई आतंकवादी हमले कराए। संसद पर हमला हुआ, मुंबई में ट्रेनें बम धमाकों से गूंज उठीं। सिलसिलेवार बम धमाकों की दहशत पूरे देश में महसूस हुई। 9/11 मुंंबई को पाकिस्तान के आतंकवादियों ने दहला दिया। 200 से अधिक की मौत हुई, लेकिन भारत सिर्फ कड़ी निंदा करता रहा और डोजियर सौंपकर बयानबाजी करता रहा। लेकिन अब समय बदल गया है। 2014 के बाद से सरकार ने जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब देना शुरू किया।

    पीएम मोदी ने शुरुआत में पाकिस्तान से संबंध सुधारने का प्रयास किया। नवाज शरीफ को भारत बुलाया, खुद कराची गए और पठानकोट में हमले के बाद पाकिस्तानी जांच दल को बुलाया। लेकिन पाकिस्तान कहां सुधरने वाला था। तब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो बालाकोट में एयर स्ट्राइक भी हुई। अब ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के प्रति बदलती रणनीति और इजराइल के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण के साथ संभावित समानताएं दिख रही हैं।

    ऑपरेशन सिंदूर : एक नया तरीका?

    पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर जिस तरह से सटीक और त्वरित कार्रवाई की, उसे कई रक्षा विशेषज्ञ भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देख रहे हैं। इस ऑपरेशन में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा दोनों के पार कार्रवाई की गई, जिसे पहले की कार्रवाइयों की तुलना में अधिक व्यापक और निर्णायक माना जा रहा है।

    इजराइल के साथ तुलना

    • ऑपरेशन सिंदूर के बाद कुछ विश्लेषक भारत की इस कार्रवाई की तुलना इजराइल की आतंकवाद विरोधी रणनीति से कर रहे हैं। इसराइल अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ सीमा पार कार्रवाई करने के लिए जाना जाता है और अक्सर वह किसी भी संभावित खतरे को निष्क्रिय करने के लिए पहले हमला करने की नीति अपनाता है।
    • ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह से भारत ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया, उसे इजराइल की रणनीति के अनुरूप देखा जा रहा है। यह माना जा रहा है कि भारत अब आतंकवाद को अपनी सीमा तक आने और हमला करने का इंतजार करने के बजाय उसके उद्गम स्थल पर ही कार्रवाई करने का इरादा रखता है।
    • नए युग की शुरुआत?
    • अगर भारत वास्तव में इजराइल की तर्ज पर आतंकवाद विरोधी रणनीति अपनाता है, तो यह दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। इसका मतलब यह हो सकता है कि भारत भविष्य में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ और भी अधिक निर्णायक और आक्रामक कार्रवाई कर सकता है।
    • हालांकि इस तरह की रणनीति के अपने जोखिम और चुनौतियां भी हैं। सीमा पार सैन्य कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए भारत को इस दिशा में कोई भी कदम सावधानीपूर्वक और सभी संभावित परिणामों का आकलन करने के बाद ही उठाना होगा।
    • ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें इजराइल की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की झलक दिखाई देती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में भारत इस नई रणनीति को किस प्रकार आगे बढ़ाता है और इसके क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ते हैं।
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