केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण नियुक्ति करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया है। इस घोषणा के बाद से सुरक्षा और खुफिया हलकों में उनकी क्षमताओं और रणनीतिक कौशल की चर्चा तेज हो गई है। जैन, जिन्होंने कई संवेदनशील ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं।
पराग जैन 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और अपने करियर के दौरान उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। उन्हें विशेष रूप से पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने पंजाब पुलिस में रहते हुए कई ऐसे नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद की, जो कनाडा सहित विदेशी धरती से संचालित हो रहे थे और भारत में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। उनकी कार्यशैली हमेशा ही गोपनीयता और सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक उच्च-स्तरीय खुफिया अभियान था, जिसका उद्देश्य सीमा पार से संचालित हो रहे आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करना और उनके भारत में मौजूद स्लीपर सेल्स को निष्क्रिय करना था। पराग जैन के नेतृत्व में इस ऑपरेशन ने शानदार सफलता हासिल की थी, जिससे कई बड़े आतंकी हमलों को टाला जा सका था और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया जा सका था।
रॉ प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत को कई भू-राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सीमा पार आतंकवाद, क्षेत्रीय अस्थिरता और साइबर सुरक्षा प्रमुख हैं। पराग जैन के पास इन चुनौतियों से निपटने का व्यापक अनुभव है, और उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में रॉ देश की बाहरी खुफिया क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत अपनी सीमाओं से परे भी अपनी राष्ट्रीय हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा कर सके।