पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस पर सटीक ड्रोन हमले हुए थे। यह कबूलनामा शनिवार (27 दिसंबर, 2025) को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान आया, जिसने पाकिस्तान के उन पुराने दावों की पोल खोल दी है जिनमें वह नुकसान को कम बताने की कोशिश कर रहा था।
इशाक डार के बयान के मुख्य बिंदु
इशाक डार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि भारत ने पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया था:
- ड्रोन हमलों की संख्या: डार ने दावा किया कि भारत ने 36 घंटों के भीतर कम से कम 80 ड्रोन पाकिस्तानी सीमा में भेजे थे।
- नूर खान एयरबेस पर हमला: उन्होंने माना कि इनमें से एक ड्रोन रावलपिंडी के चकलाला इलाके में स्थित नूर खान एयरबेस के सैन्य ठिकाने से टकराया, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ और कुछ जवान घायल भी हुए।
- नेतृत्व की घबराहट: डार ने खुलासा किया कि 9 मई की रात को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी, जिसमें भारत के इन हमलों के प्रति ‘जवाबी कार्रवाई’ पर चर्चा की गई थी।
क्या था ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
भारत ने यह ऑपरेशन अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी।
- सटीक हमले (Precision Strikes): भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पीओजेके (PoJK) में स्थित आतंकी कैंपों को निशाना बनाया।
- रणनीतिक चोट: नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण सैन्य केंद्रों में से एक है। सैटेलाइट इमेज और रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के इस हमले ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली (Air Defense System) की कमियों को पूरी तरह उजागर कर दिया था।
पूर्व सैन्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) केजेएस ढिल्लों, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर किताब भी लिखी है, ने इशाक डार के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने डार को ‘झूठा’ बताते हुए कहा कि पाकिस्तान नुकसान के आंकड़ों को कम करके दिखा रहा है। ढिल्लों के अनुसार, भारत की कार्रवाई में केवल एक नहीं बल्कि पाकिस्तान के सभी 11 प्रमुख एयरबेस को नुकसान पहुंचा था और हताहतों की संख्या भी डार के दावों से कहीं अधिक है।


