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    एक राष्ट्र एक चुनाव : विपक्ष बोला-हास्यास्पद.. सत्तापक्ष ने कहा-स्वागत योग्य

    केंद्र की मोदी सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन यानि एक राष्ट्र, एक चुनाव को मंजूरी दे दी है। अब इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। विपक्ष का कहना है कि यह हास्यास्पद और अव्यवहारिक है। वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि यह राष्ट्र के लिए लाभदायक है और इससे बार-बार विकास बाधित नहीं होगा।

    गंभीर मुद्दों के ध्यान भटकाना चाहते हैं : कांग्रेस

    कांग्रेस एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार चार चुनाव (कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड) एक साथ नहीं करा सकी और वे सभी राज्यों की विधानसभा और 545 लोकसभा सीटों के चुनाव एक साथ कराने की बात कर रहे हैं। यह हास्यास्पद है। वे अडानी, भ्रष्टाचार और मणिपुर जैसे गंभीर मुद्दों के ध्यान भटकाना चाहते हैं।

    ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था : कंगना

    भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि देश के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव उत्साह की एक लहर लेकर आया है। सबसे पहले तो इतना खर्चा होता है, महीने भर से अधिक समय के लिए सभी कर्मचारी कार्यों में संलग्न हो जाते हैं, सारे संस्थान रुक जाते हैं और हमारे देशवासियों को बार-बार मतदान के लिए भेजा जाता है। यह इस समय की जरूरत है। हालांकि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।

    एक राष्ट्र एक रोजगार नीति पर करो बात: आरजेडी

    आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि इसी सरकार ने वो कमिटी बनाई थी और इसी कमिटी के प्रस्ताव पर यह बात सामने आई है। इस देश को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है तो एक राष्ट्र एक रोजगार नीति की है लेकिन उस पर आप चुप हैं क्योंकि उस पर आपकी मेहनत लगेगी। 60 के दशक तक इस देश में वन नेशन-वन इलेक्शन था, लेकिन वो साइकिल टूट गया। यह समग्र चिंता का विषय है।

    जेडीयू ने किया स्वागत

    जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि हमारी पार्टी इसका स्वागत करती है। हम लोग इस कमिटी के पास गए थे जहां हमने कमिटी को अपनी पार्टी और अपने नेता नीतीश कुमार की ओर से अपना समर्थन दिया था। नीतीश कुमार भी पक्षधर रहे हैं कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होना चाहिए। देखा जाता है कि ये देश हमेशा चुनाव मोड में ही रहता है। एक चुनाव खत्म नहीं होता कि दूसरा आ जाता है। इससे जनता के कामों और विकास के कामों को पूरा करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह आना चाहिए। जैसे ओडिशा में एकसाथ चुनाव हुए। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि वन नेशन, वन इलेक्शन हो और हम इसका पूरा समर्थन करते हैं।

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