Sunday, July 7, 2024
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कभी झुग्गियों में बच्चो को दिया ट्यूशन,फिर बिना कोचिंग बन गई IAS

देश में यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन मानी जाती है। इस परीक्षा में सफल होने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। परीक्षा का जूनून ऐसा रहता है कि उम्मीदवार बड़े-बड़े पद छोड़कर भी आईएएस की तैयारी करते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है आईएएस अधिकारी सिमी करण जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की।

कौन है सिमी करण ?

वह ओडिशा से हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भिलाई, छत्तीसगढ़ में की। उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक शिक्षिका थीं।इसके बाद वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के लिए आईआईटी बॉम्बे चली गईं। वहां उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में झुग्गियों में बच्चों को पढ़ाया भी। यही वो पल था जब सिमी ने यूपीएससी की तरफ रुख मोड़ लिया।

यूट्यूब से की पढाई

सिमी ने शीर्ष यूपीएससी उम्मीदवारों के साक्षात्कार देखकर तैयारी शुरू की। उन्होंने यूपीएससी पाठ्यक्रम को भी छोटे भागों में विभाजित किया। इसके बाद सिमी ने 2019 में यूपीएससी में 31 की ऑल इंडिया रैंक के साथ अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर लिया और महज 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं।

दिया जीत का मंत्र

यूपीएससी क्रैक करने में अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए सिमी ने कहा। “मैंने कभी भी अध्ययन के घंटों पर ध्यान केंद्रित नहीं किया, बल्कि पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अल्पकालिक लक्ष्य निर्धारित किए… इसलिए, शेड्यूल में तदनुसार उतार-चढ़ाव होता रहा, लेकिन औसतन, मैंने 8-10 घंटे अध्ययन किया। मैंने भी इस बात पर प्रकाश डालना चाहता हूं कि मैंने पढ़ाई की गुणवत्ता, सीमित संसाधनों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने दिमाग को आराम देने के लिए जॉगिंग, स्टैंड-अप कॉमेडी देखने जैसे मनोरंजन के लिए समय निकाला।इसी की बदौलत सिमी को आईएएस में सफलता मिल गई।

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