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    सिंधु जल विवाद में OIC की एंट्री, 57 इस्लामिक देशों के संगठन ने भारत से क्या कहा

    पाकिस्तान के आग्रह पर 57 इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) विवाद में कूदते हुए भारत से “द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई से पालन” करने का आह्वान किया है। तुर्की के इस्तांबुल में हुई OIC विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के बाद जारी ‘इस्तांबुल घोषणा’ में यह बात कही गई है।


    OIC ने जताई चिंता, सिंधु जल संधि पर सख्त रुख की अपील

    OIC के विदेश मंत्रियों ने अपने घोषणापत्र में दक्षिण एशिया क्षेत्र में हाल ही में हुए सैन्य तनाव, विशेषकर पाकिस्तान और “आजाद जम्मू और कश्मीर” में हुए “अनुचित हमलों” पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में 10 मई, 2025 को घोषित युद्धविराम का “ईमानदारी से पालन” करने पर जोर दिया है।

    घोषणापत्र में सिंधु जल संधि (IWT) सहित पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय समझौतों के “कड़ाई से पालन” का आह्वान किया गया है। OIC ने सभी लंबित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यापक बातचीत के महत्व पर भी जोर दिया है।


    भारत का सिंधु जल संधि पर वर्तमान रुख

    यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिंधु जल संधि को “स्थगित” कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि भारत इस संधि को अब बहाल नहीं करेगा और पाकिस्तान को मिलने वाला पानी राजस्थान सहित भारतीय राज्यों को दिया जाएगा। भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहा है और “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”

    भारत ने अप्रैल 2025 में इस संधि को “अस्थाई रूप से निलंबित” करने की घोषणा की थी, यह कहते हुए कि पाकिस्तान जब तक सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता, तब तक यह स्थिति बनी रहेगी। भारत ने इस कदम को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संधि के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला बताया है।


    पाकिस्तान की OIC में लगातार अपील

    पाकिस्तान लगातार OIC जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ अपनी शिकायतों को उठाता रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में OIC राजदूतों को हाल ही में हुए भारत-पाक संघर्ष और उसके बाद की स्थिति से अवगत कराया था। उन्होंने भारत के “एकतरफा” सिंधु जल संधि को निलंबित करने की कड़ी निंदा की थी, और चेतावनी दी थी कि पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    भारत ने पूर्व में OIC के बयानों को “बेतुका” और “राजनीति से प्रेरित” बताकर खारिज किया है, और पाकिस्तान पर समूह को भारत विरोधी एजेंडे के लिए हेरफेर करने का आरोप लगाया है। यह देखना बाकी है कि OIC के इस नए बयान पर भारत की क्या प्रतिक्रिया होगी।

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