केंद्र की मोदी सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा दांव खेला है। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को लेकर चल रहे विरोध के बीच सरकार अब एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लेकर आने वाली है। सरकार का दावा है कि यह योजना कर्मचारियों के हित में होगी। इसके साथ ही एनपीएस और यूपीएस चुनने का अधिकार कर्मचारियों को होगा। वहीं इसके लिए 25 साल की सर्विस अनिवार्य होगी।
मोदी का ऐतिहासिक कदम
एकीकृत पेंशन योजना पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारे 25 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। अगर इस पर राज्य सरकारें राजी हो जाएं तो 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा मिले। ये नरेंद्र मोदी का एक ऐतिहासिक कदम है। परिश्रम को उन्होंने उचित दाम देने का काम किया है। इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।
1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी
केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में यूपीएस पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। दरअसल देशभर में एनपीएस में सुधार की मांग होती रही है। यूपीएस के लिए 100 से ज्यादा कर्मचारी यूनियन से बात हुई। अब बेसिक का 50 प्रतिशत निश्चित पेंशन मिलेगी। हालांकि इसके लिए 25 साल की सेवा अनिवार्य होगी और इसके बाद ही पूरी पेंशन मिलेगी। सरकार का दावा है कि इससे 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। 1 अप्रैल 2025 से सरकार यूपीएस लागू करने की तैयारी में है। कर्मचारी अब एनपीएस और यूपीएस में से पेंशन योजना को चुन सकते हैं। मंत्री अश्विनी वैष्ण ने कहा कि कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को 60 प्रतिशत पेंशन मिलेगी। कर्मचारी पेंशन फंड में सरकार 14 प्रतिशत राशि का योगदान देगी।