भारतीय राजनीति में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है, और अक्सर यह देखा गया है कि जहां परिवार ही पार्टी की पहचान बन जाता है, वहां सत्ता और वर्चस्व की लड़ाई में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ जाती है। हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में सामने आई कथित कलह सुर्खियों में है, लेकिन यह कहानी सिर्फ लालू परिवार तक सीमित नहीं है। गांधी से लेकर ठाकरे, पवार और करुणानिधि परिवार तक, कई ऐसे राजनीतिक घराने रहे हैं, जहां सत्ता, विरासत और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं ने परिवार के सदस्यों को आमने-सामने ला खड़ा किया है।
गांधी परिवार: विरासत की जंग
कांग्रेस पार्टी की पहचान बन चुका गांधी परिवार भी अंदरूनी कलह से अछूता नहीं रहा है।
- इंदिरा गांधी और मेनका गांधी: संजय गांधी की मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी मेनका गांधी और सास इंदिरा गांधी के बीच राजनीतिक विरासत को लेकर दूरियां बढ़ गईं। मेनका ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई और बाद में भाजपा के साथ जुड़ीं।
- सोनिया गांधी और मेनका गांधी: राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भी मेनका और सोनिया गांधी के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। आज भी मेनका और वरुण गांधी भाजपा में हैं, जबकि सोनिया और राहुल गांधी कांग्रेस में हैं।
ठाकरे परिवार: शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई
महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार में हाल की कलह सबसे बड़े उदाहरणों में से एक है।
- उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे: शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे और भतीजे राज ठाकरे के बीच पार्टी की विरासत को लेकर जबरदस्त खींचतान चली। राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का गठन किया।
- उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे: इससे भी बड़ा झटका तब लगा जब उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे ने पार्टी के अधिकांश विधायकों को लेकर बगावत कर दी और शिवसेना पर अपना दावा ठोक दिया। यह मामला अभी भी अदालत में है, लेकिन इसने ठाकरे परिवार के राजनीतिक वर्चस्व को कमजोर कर दिया है।
पवार परिवार: चाचा-भतीजे का टकराव
महाराष्ट्र में पवार परिवार में भी राजनीतिक कलह ने सबको चौंकाया है।
- शरद पवार और अजित पवार: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच मुख्यमंत्री पद और पार्टी पर नियंत्रण को लेकर कई बार टकराव हुआ। 2019 में, अजित पवार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास किया था, हालांकि वह सफल नहीं हुए। बाद में उन्होंने माफी मांगकर वापसी की, लेकिन रिश्तों में कड़वाहट बनी रही। यह कलह समय-समय पर सामने आती रहती है।
- रद पवार की पार्टी NCP में बड़ी टूट
- शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में 2023 में एक बड़ी टूट सामने आई, जब उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के एक बड़े गुट के साथ मिलकर बगावत कर दी।
- यह टूट महाराष्ट्र की राजनीति में एक नाटकीय मोड़ था, जिसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- विभाजन का नेतृत्व: अजित पवार ने NCP के लगभग 40 विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए पार्टी पर अपना नियंत्रण घोषित कर दिया।
- सरकार में शामिल: अजित पवार ने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली NDA सरकार में शामिल होने का फैसला किया।
- उपमुख्यमंत्री पद: अजित पवार को एक बार फिर महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि उनके साथ गए आठ अन्य NCP विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।
- चुनाव चिह्न का विवाद: इसके बाद, शरद पवार और अजित पवार दोनों गुटों ने असली NCP होने का दावा किया। यह मामला चुनाव आयोग के सामने गया, जिसने लंबी सुनवाई के बाद अजित पवार के गुट को असली NCP माना और उन्हें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न (“घड़ी”) आवंटित कर दिया।
- शरद पवार का नया नाम: चुनाव आयोग के फैसले के बाद, शरद पवार के गुट को “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार” नाम और “तुरही फूंकता व्यक्ति” (Trumpeting Man) का चुनाव चिह्न मिला।
करुणानिधि परिवार: बेटों और बेटी के बीच होड़
तमिलनाडु की राजनीति में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के दिवंगत मुखिया एम. करुणानिधि के परिवार में भी सत्ता और विरासत को लेकर गहन कलह देखने को मिली।
- एम.के. स्टालिन, एम.के. अलागिरी और कनिमोझी: करुणानिधि के बेटे एम.के. स्टालिन और एम.के. अलागिरी तथा बेटी कनिमोझी के बीच पार्टी पर नियंत्रण और मुख्यमंत्री पद के लिए अक्सर होड़ लगी रहती थी। अलागिरी को पार्टी से निष्कासित भी किया गया था। अंततः स्टालिन ने पार्टी की कमान संभाली और आज मुख्यमंत्री हैं।
ये उदाहरण दर्शाते हैं कि भारतीय राजनीति में परिवारवाद के साथ-साथ परिवार के भीतर की महत्वाकांक्षाएं, सत्ता की लालसा और विरासत पर नियंत्रण की लड़ाई अक्सर अंदरूनी कलह को जन्म देती है, जिससे न केवल परिवार, बल्कि संबंधित राजनीतिक दल भी कमजोर पड़ जाते हैं।


