दिल्ली में हुए आतंकवादी विस्फोट की घटना पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस जघन्य हमले की निंदा करते हुए कहा कि बेगुनाह लोगों की इस तरह बेरहमी से हत्या करना कोई भी धर्म इजाज़त नहीं देता है।
मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई का समर्थन करते हुए राष्ट्र को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया: “हमें एक बात याद रखनी चाहिए – जम्मू-कश्मीर का हर निवासी आतंकवादी नहीं है या आतंकवादियों से जुड़ा नहीं है। ये कुछ ही लोग हैं जिन्होंने यहाँ हमेशा शांति और भाईचारे को बिगाड़ा है।”
उन्होंने जोर दिया कि जब हम “जम्मू-कश्मीर के हर निवासी और हर कश्मीरी मुसलमान को एक ही विचारधारा से देखते हैं और सोचते हैं कि उनमें से हर एक आतंकवादी है, तो लोगों को सही रास्ते पर रखना मुश्किल हो जाता है।” अब्दुल्ला ने मांग की कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही निर्दोष लोगों को इस सामूहिक दोष से दूर रखना होगा।
आरोपी डॉ. आरिफ का फ्लैटमेट बोला- ‘हम दोस्त नहीं थे, शाहीन-परवेज का नाम नहीं सुना’
दिल्ली आतंकी विस्फोट मामले में गिरफ्तार संदिग्धों की कड़ी में डॉ. आरिफ से पूछताछ जारी है। इस बीच, कानपुर में उनके फ्लैटमेट डॉ. अभिषेक ने खुद को इस मामले से दूर रखते हुए चौंकाने वाला बयान दिया है। डॉ. अभिषेक ने बताया कि वे दोनों सिर्फ फ्लैटमेट थे, दोस्त नहीं। उन्होंने कहा, “शुरुआत में जब हम यहां आए तो हमें हॉस्टल नहीं मिला, इसलिए रेजिडेंट डॉक्टर आमतौर पर फ्लैट किराए पर ले लेते हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने डॉ. आरिफ से कभी भी अन्य आरोपी डॉ. शाहीन या डॉ. परवेज का नाम नहीं सुना।
विस्फोट की घटना के बाद डॉ. अभिषेक ने कहा कि डॉ. आरिफ के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया था। उन्होंने बताया कि उन्हें वह फ्लैट एक ब्रोकर के माध्यम से मिला था। यह बयान बताता है कि आरोपी डॉ. आरिफ अपनी आतंकी गतिविधियों को लेकर अत्यधिक गोपनीय और सतर्क था।


