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    कोई नई परंपरा शुरू न होने दी जाए.. जुमे के नमाज के दिन होली, उप्र पुलिस अलर्ट

    होली से पहले यूपी पुलिस ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया कि त्योहारों के दौरान कोई नई परंपरा शुरू न होने दी जाए। सभी त्यौहार परंपरागत तरीके से मनाए जाएं। असामाजिक तत्वों की पहले से पहचान कर उनके खिलाफ प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। पिछले वर्षों में होली से जुड़े विवादों और मामलों की समीक्षा कर उसके अनुसार प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि दो दिन बाद होली का त्योहार है। इसके साथ ही रमजान भी चल रहा है और माह के अंत तक ईद मनाई जाएगी।

    उप्र पुलिस ने दिए ये दिशा निर्देश

    • प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक, उप्र द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक/ पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद उप्र को होली पर्व आदि के दृष्टिगत प्रभावी पुलिस प्रबन्ध/सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में मुख्यत: निम्न बिन्दुओं पर दिशा निर्देश दिये हैं।
    • त्योहारों के दौरान किसी प्रकार की नई परम्परा शुरू करने की अनुमति न दी जाये। सभी त्यौहार परम्परागत रूप से संपादित कराये जाएं।
    • होलिका दहन के समस्त स्थानों का भ्रमण तथा आयोजकों से गोष्ठी कर चर्चा कर ली जाए। होलिका के जिन स्थानों पर पूर्व में विवाद हो चुका है और संवेदनशील स्थानों पर रखी जाने वाली होलिका के स्थलों पर वरिष्ठ अधिकारी स्वयं भ्रमण कर लें। होलिका दहन के समय अग्निशमन व्यवस्था को सकिय रखा जाए और प्रत्येक होलिका दहन स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए।
    • अराजक तत्वों को पूर्व से चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाये। विगत वर्षों में होली से सम्बंधित विवादों एवं मुकदमों की समीक्षा करते हुये तद्नुसार प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही समय से करा ली जाये।
    • पुलिस कार्यालयों/इकाईयों के पुलिस बल को एकत्रित कर क्यूआरटी टीमें बनाकर दंगा नियंत्रण उपकरणों सहित तैयारी हालत में रखा जाए।
    • थानों के त्योहार रजिस्टर का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय से अवलोकन कर लिया जाए। गत वर्षों में होली के अवसर पर कोई विवाद परिलक्ष्ति हुए हो तो उसका समय से निराकरण करा लिया जाये। होली जुलूस के मार्गों पर अधिक से अधिक पुलिस बल के साथ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूर्व, फ्लैग मार्च व एरिया डामिनेशन की कार्यवाही कर लिया जाए।
    • होली पर्व शुक्रवार (जुमे) के दिन पडऩे के दृष्टिगत सभी धर्म के धर्मगुरुओं, धार्मिक व्यक्तियों, कार्यक्रम/जुलूस के आयोजकों, शांति समितियों तथा अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जनपद के पुलिस अधिकारियों तथा मजिस्ट्रेट द्वारा गोष्ठी कर ली जाय। त्यौहार से सम्बन्धित बतायी गयी समस्याओं का समय से निराकरण करा लिया जाये। धर्मगुरुओं/आयोजकों से समन्वय रखते हुये निरन्तर संवाद रखा जाए।
    • जनपदीय अभिसूचना तंत्र को आगामी होली पर्व के दृष्टिगत पूर्व से सक्रिय कर लिया जाये। जनपद के समस्त कार्मिकों की ब्रीफिंग करते हुये समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना, चौकी तथा बीट स्तर के कर्मियों को भी सचेत व सक्रिय रखा जाये। होली के सम्बन्ध में संकलित छोटी से छोटी सूचना/अभिसूचना को भी अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुये तत्परतापूर्वक यथोचित विधिक कार्यवाही की जाये। वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर इसकी समुचित मानिटरिंग की जाये।
    • अवैध जहरीली शराब से होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोकने हेतु पूर्व से कार्ययोजना तैयार कर इसके निष्कर्षण, विक्रय तथा परिवहन को प्रतिबन्धित किया जाए। इस संबंध में चलाये जा रहे अभियान में प्रभावी एवं सार्थक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाये।
    • आबकारी विभाग के पदाधिकारियों एवं स्थानीय मजिस्ट्रेट से समन्वय स्थापित कर सचल दस्ते के रूप में छापेमारी व आकस्मिक चेकिंग की जाए और अवैध शराब विशेषत: मिथाइल अल्कोहल से शराब बनाने वालों एवं शराब भट्टियों तथा अन्य प्रान्त से शराब तस्करी करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाये। अवैध तथा अपमिश्रित शराब से होने वाली घटनाओं को रोकने हेतु आम जनमानस तथा शराब विक्रेताओं को निरन्तर जागरूक किया जाये।
    • मुख्य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर जिला अस्पताल एवं जनपद के अन्य अस्पतालों को एलर्ट पर रखा जाण् और आकस्मिक चिकित्सा सेवायें दिन-रात सुचारू रखी जायें। 108 एम्बुलेन्स सेवा को एलर्ट पर रखा जाय तथा मोबाइल एंबुलेंस की व्यवस्था आवश्यकतानुसार की जाये। यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि चिकित्सालय में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रहे।
    • नगरनिगम / नगरपालिका के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर पानी, साफ-सफाई एवं प्रकाश की उचित व्यवस्था की जाए।
    • मिश्रित आबादी के क्षेत्रों, जुलूस के मार्गों विशेषकर जंक्शन प्याईण्ट्स एवं कम्युनल हॉट स्पॉट्स पर पर्याप्त जनशक्ति की तैनाती, सीसीटीवी कैमरा व ड्रोन कैमरा से चेकिंग करते हुये सर्तकता बरती जाए।
    • दंगा नियंत्रण योजना का पूर्वाभ्यास कर लिया जाये तथा दंगा निरोधक उपकरणों की गुणवत्ता, उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाय तथा उन्हें महत्वपूर्ण स्थानों पर स्ट्राईकिंग रिजर्व के साथ व्यवस्थापित किया जाये।
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