More
    HomeHindi NewsDelhi Newsपहली बार उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.. क्या होगा सफल, जानें पूरा...

    पहली बार उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.. क्या होगा सफल, जानें पूरा गणित

    संसद के शीतकालीन सत्र में चल रहे भारी हंगामे के बीच उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियों अविश्वास प्रस्ताव लेकरआई हैं। राज्यसभा के 72 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार होगा जब किसी सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। हालांकि धनखड़ को पद से हटाने के लिए इस प्रस्ताव को राज्यसभा के साथ लोकसभा में भी पारित करना होगा। इसकी संभावना बेहद कम है कि दोनों सदनों से यह प्रस्ताव पास हो पाए। क्योंकि लोकसभा में तो एनडीए को पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसके साथ ही राज्यसभा में भी एनडीए बहुमत के करीब है। दरअसल कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने धनकड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इसी के साथ उन्होंने आर्टिकल 67 बी के तहत पद से हटाने की मांग को लेकर प्रस्ताव पेश कर दिया है। अब देखना होगा कि अविश्वास प्रस्ताव का क्या हश्र होता है। क्या विपक्षी पार्टियों उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करा पाएंगी या यह विफल साबित होगा।

    यह है राज्यसभा का गणित

    • राज्यसभा में कुल 231 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा जरूरी है। फिलहाल एनडीए के पास 120 सदस्य हैं जिसमें भाजपा के 95, 6 मनोनीत, 4 जदयू, दो निर्दलीय 10 अन्य दल और तीन एनसीपी के सदस्य हैं।
    • इंडिया गठबंधन के सदस्यों की संख्या 85 है जिसमें कांग्रेस की 27, टीएमसी के 12, आप के 10, डीएमके के 10, राजद के पांच, CPM के चार, सपा के चार, झामुमो के तीन, आईयूएलएम के दो, शिवसेना यूबीटी के दो, एनसीपी शरद पवार के दो, सीपीआई के दो, एडीएमके के एक और निर्दलीय एक का समर्थन प्राप्त है। इस तरह देखा जाए तो इंडिया गठबंधन इस अविश्वास प्रस्ताव को पास करने की स्थिति में नहीं है।
    • 26 ऐसे राज्यसभा सांसद भी हैं जो किसी दल के साथ नहीं हैं। इनमें 8 वाईएसआर कांग्रेस, तीन अन्य चार, AIADMK के 4, बीजेडी ke 7 और चार BRS के सांसद हैं। बीजेडी ने साफ कर दिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी। ऐसे में विपक्ष का यह प्रस्ताव सिर्फ खानापूर्ति ही साबित होकर रह जाएगा।
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments