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    नितिन नबीन बने BJP के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष: पार्टी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव के संकेत

    भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार सरकार में मंत्री और पाँच बार के विधायक नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 14 दिसंबर 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू हुई है। 45 वर्ष की आयु में, वह इस महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारी को संभालने वाले सबसे कम उम्र के नेता बन गए हैं।

    यह माना जा रहा है कि नितिन नबीन अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जिसका ऐलान खरमास के बाद होने की संभावना है। उनकी नियुक्ति को पार्टी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।


    कार्यकारी अध्यक्ष की परंपरा: पहले कौन, फिर क्या?

    BJP में कार्यकारी अध्यक्ष का पद हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। पार्टी में पहले भी दो नेता कार्यकारी प्रमुख की भूमिका निभा चुके हैं:

    1. जन कृष्णमूर्ति: 2001 में, जब तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को ‘तहलका स्टिंग ऑपरेशन’ के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।
      • आगे की जिम्मेदारी: जन कृष्णमूर्ति बाद में पार्टी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बने (2001-2002)। इसके बाद वे राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय कानून मंत्री (2002-2003) भी बने। उनका कार्यकाल पार्टी अध्यक्ष के रूप में संक्षिप्त रहा, लेकिन उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष का पद संभाला था।
    2. जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda): जून 2019 में, जब तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री बने और संगठन में उनके सहयोग के लिए नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।
      • आगे की जिम्मेदारी: जेपी नड्डा जनवरी 2020 में पार्टी के निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए, और उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव तक सफलतापूर्वक पार्टी का नेतृत्व किया। सरकार बनने के बाद, उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली।

    नितिन नबीन के लिए आगे की जिम्मेदारी क्या?

    नितिन नबीन की नियुक्ति महत्वपूर्ण है, खासकर इसलिए क्योंकि वह बिहार से आने वाले पहले नेता हैं जिन्हें यह राष्ट्रीय जिम्मेदारी मिली है।

    • संभावित पूर्णकालिक अध्यक्ष: जन कृष्णमूर्ति और जेपी नड्डा के उदाहरण बताते हैं कि कार्यकारी अध्यक्ष अक्सर बाद में पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं। हालांकि, नबीन के मामले में, यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर करेगी।
    • संगठनात्मक अनुभव का उपयोग: नबीन को छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रभारी के रूप में जबरदस्त जीत दिलाने और युवा मोर्चा में काम करने का लंबा अनुभव है। उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी अब अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी संगठन का नेतृत्व करना होगा।
    • युवा नेतृत्व को बढ़ावा: 45 वर्ष के नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाना इस बात का संकेत है कि पार्टी युवा नेताओं को आगे बढ़ा रही है और संगठन में बदलाव ला रही है।

    नितिन नबीन का भविष्य पार्टी में महत्वपूर्ण संगठनात्मक और प्रशासनिक भूमिकाओं की ओर इशारा करता है, जो पिछले कार्यकारी अध्यक्षों के करियर पथ से मेल खाता है।

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