केरल राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान की एक पाठ्यपुस्तक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर एक बड़ी ऐतिहासिक भूल सामने आई है, जिससे राज्य में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। किताब में दावा किया गया है कि नेताजी अंग्रेजों के डर से भारत छोड़कर जर्मनी भाग गए थे, जबकि ऐतिहासिक तथ्य इसके विपरीत हैं।
विवादित पाठ में लिखा है कि ‘नेताजी अंग्रेजों के डर से भाग गए थे और उन्होंने जर्मनी में शरण ली।’ यह दावा न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है, बल्कि नेताजी के साहसी और क्रांतिकारी व्यक्तित्व के भी खिलाफ है। इतिहासकारों और विशेषज्ञों का कहना है कि नेताजी का भारत छोड़ना एक रणनीतिक कदम था, जिसे ‘महान पलायन’ (Great Escape) के रूप में जाना जाता है। उनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता हासिल करना था। उन्होंने पहले जर्मनी और फिर जापान की यात्रा की, जहाँ उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का पुनर्गठन किया। किताब में यह भी बताया गया था कि नेताजी सुभाष चंदर बोस कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी।
इस ऐतिहासिक ब्लंडर पर राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस गलती की निंदा करते हुए इसे “जानबूझकर किया गया कृत्य” बताया है, जिसका उद्देश्य युवाओं के मन में भारत के सच्चे नायकों की छवि को धूमिल करना है। पार्टी ने मांग की है कि SCERT तत्काल इस गलती को सुधारे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों ने गलत कॉन्टेंट की जानकारी दी। SCERT ने इन किताबों को वापस ले लिया। एक नया संस्करण जारी किया है।
ABVP केरल के सचिव ईयू ईश्वरप्रसाद ने कहा, केरल में शिक्षा विभाग गलत बातें फैला रहा है। उन्होंने केरल के मॉडल राज्य होने के दावे की आलोचना की। कहा कि यह गलती देश विरोधी विचारों को छात्रों के मन में डालने की कोशिश है।