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    न हिंदू न मुस्लिम, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.. साध्वी प्रज्ञा के बरी होने पर दिग्विजय के बदले सुर

    मालेगांव 2008 बम धमाके मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य सभी आरोपियों के बरी होने के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिग्विजय सिंह, जो पहले ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर विवादों में रहे थे, ने इस फैसले पर अपनी पुरानी बात दोहराई है।

    दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। न हिंदू आतंकवाद होता है, न मुस्लिम आतंकवाद होता है, न ईसाई आतंकवाद होता है और न ही सिख आतंकवाद होता है। आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है। उनका यह बयान साध्वी प्रज्ञा के बरी होने के फैसले के बाद आया है, जिसे कई हलकों में ‘भगवा आतंकवाद’ की अवधारणा को कमजोर करने वाला माना जा रहा है।

    सिंह ने आगे कहा, “आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता। मेरा स्टैंड हमेशा से यही रहा है।” उन्होंने कहा कि इस मामले में जो फैसला आया है, वह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति को केवल उसकी पहचान के आधार पर आतंकवादी नहीं कहा जा सकता, बल्कि सबूतों के आधार पर ही उसे दोषी ठहराया जाना चाहिए।

    दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह फैसला उन लोगों के लिए एक सबक है जो आतंकवाद को किसी धर्म से जोड़ने की कोशिश करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना महत्वपूर्ण है और ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।

    गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पूर्व में ‘हिंदू आतंकवाद’ या ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग किया था, जिस पर भाजपा सहित कई संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। मालेगांव मामले के फैसले ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है। सिंह के बयान को उनके पुराने रुख की पुष्टि और इस मुद्दे पर उनकी निरंतर स्थिति के रूप में देखा जा रहा है।

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