रक्षा मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने एक बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अयोध्या में बाबरी मस्जिद को फिर से बनवाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था।
राजनाथ सिंह का बयान
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है, जिसकी नींव सरदार पटेल ने बहुत पहले ही रख दी थी।
रक्षा मंत्री ने कहा, “यह बात कम ही लोग जानते हैं कि जब अयोध्या में रामलला की मूर्ति प्रकट हुई थी, तब जवाहरलाल नेहरू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत को पत्र लिखकर कहा था कि बाबरी मस्जिद को उसी जगह पर फिर से बनवाया जाए।”
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “नेहरू की इस इच्छा को सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरा नहीं होने दिया। पटेल ने हस्तक्षेप किया और गोविंद वल्लभ पंत को स्पष्ट निर्देश दिए कि ‘आप नेहरू की बात मत मानिए, वह मंदिर वहीं रहेगा’।”
- राजनाथ सिंह ने कहा कि राम मंदिर का भव्य निर्माण का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल के साहसिक और दूरदर्शी निर्णय को भी जाता है, जिन्होंने उस समय नेहरू की इच्छा के विपरीत जाकर फैसला लिया।
संदर्भ और राजनीतिक महत्व
- कांग्रेस पार्टी ने इस बयान को इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करार दिया है।
- भाजपा अक्सर अपने राजनीतिक अभियानों में सरदार पटेल को कांग्रेस के ‘नेहरू-गांधी’ परिवार के सामने एक मजबूत और राष्ट्रवादी विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती रही है।
- इस बयान के माध्यम से पार्टी ने राम मंदिर के मुद्दे को पटेल की विरासत से जोड़कर एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।
- यह विवादित दावा एक बार फिर नेहरू-पटेल के संबंधों और आजादी के बाद की भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर बहस छेड़ सकता है।


