More
    HomeHindi NewsNEET PG 2025 : बड़ौदा से MBBS, शानदार रैंक, वैभव जैन को...

    NEET PG 2025 : बड़ौदा से MBBS, शानदार रैंक, वैभव जैन को ऐसे मिली सफलता

    उत्तराखंड के श्रीनगर शहर के लिए गर्व का क्षण आया है। नीट पीजी 2025 की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर श्रीनगर के वैभव जैन ने पूरे देश में अपना नाम रोशन किया है। लाखों छात्रों की भीड़ में अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से वैभव जैन ने एक बेहतरीन रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।

    वैभव श्रीनगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी पंकज जैन और ममता जैन के बेटे हैं। एक साधारण और सादगी भरे पारिवारिक परिवेश में पले-बढ़े वैभव ने अपनी सफलता से न सिर्फ अपने माता-पिता का, बल्कि पूरे श्रीनगर शहर का नाम ऊंचा किया है। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी हर जरूरत में साथ दिया। वैभव की यह सफलता बताती है कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से किस तरह बड़ी से बड़ी चुनौती को पार किया जा सकता है।

    वैभव की शुरुआती शिक्षा श्रीनगर से ही हुई। इसके बाद, उन्होंने गुजरात के बड़ौदा स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने नीट पीजी की तैयारी शुरू कर दी थी, जो कि भारत की सबसे कठिन मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। वैभव ने बताया कि यह सफर आसान नहीं था। घंटों तक पढ़ाई करना, लगातार मॉक टेस्ट देना और खुद पर विश्वास बनाए रखना, यही उनकी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने कहा, “परीक्षा की तैयारी के दौरान कई बार ऐसा लगा कि शायद मैं सफल नहीं हो पाऊंगा, लेकिन मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने मेरा हौसला बढ़ाया। उनके विश्वास ने मुझे आगे बढ़ने की ताकत दी।”

    अपनी सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए वैभव ने कहा, “यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देता हूं, जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया। मैं अब एक ऐसी विशेषज्ञता (specialization) को चुनना चाहता हूं, जिससे मैं लोगों की बेहतर सेवा कर सकूं।” उनका सपना है कि वह अपने शहर श्रीनगर और उत्तराखंड के लोगों के लिए कुछ खास करें, ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

    वैभव जैन की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं लेकिन सीमित संसाधनों के कारण निराश हो जाते हैं। उनकी यह सफलता साबित करती है कि अगर इंसान में सच्ची लगन और आत्मविश्वास हो, तो वह किसी भी चुनौती को मात देकर अपना मुकाम हासिल कर सकता है। वैभव की सफलता ने श्रीनगर को एक नई पहचान दी है और कई और युवाओं को भी सपने देखने की हिम्मत दी है।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments