राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने हाल ही में दो नए मॉड्यूल जारी किए हैं, जिनमें भारत के विभाजन के लिए मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को दोषी ठहराया गया है। इन मॉड्यूल्स में यह भी बताया गया है कि दो राष्ट्र सिद्धांत ही विभाजन का मुख्य कारण था।
इन मॉड्यूल्स में कुछ प्रमुख बातें शामिल हैं:
- मोहम्मद अली जिन्ना: जिन्ना को विभाजन का मुख्य वास्तुकार बताया गया है, जिनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने दो राष्ट्रों के विचार को जन्म दिया।
- कांग्रेस: कांग्रेस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं, विशेषकर 1947 में सत्ता हस्तांतरण के लिए उनकी जल्दबाजी को लेकर, जिसने विभाजन की प्रक्रिया को और तेज कर दिया।
- लॉर्ड माउंटबेटन: तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की भूमिका को भी संदिग्ध बताया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने भारत के विभाजन को जल्दबाजी में अंजाम दिया।
कांग्रेस ने किया विरोध, किताबों को जलाने की मांग
इन मॉड्यूल्स के जारी होते ही, कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस ने NCERT पर इतिहास को विकृत करने और राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के नेताओं ने इन किताबों को तुरंत वापस लेने और उन्हें जलाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह इतिहास को दोबारा लिखने की कोशिश है ताकि जवाहरलाल नेहरू और अन्य कांग्रेस नेताओं को गलत तरीके से चित्रित किया जा सके।
यह मामला अब एक राजनीतिक बहस का विषय बन गया है, जहां एक तरफ NCERT का कहना है कि वे छात्रों को इतिहास के सभी पहलुओं से अवगत कराना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसे इतिहास के साथ छेड़छाड़ बता रही है।