हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। बीते दिनों राज्य में भारी बारिश और बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे व्यापक तबाही हुई है। ताजा जानकारी के अनुसार, मंगलवार को एक ही रात में 11 स्थानों पर बादल फटने की खबरें आई हैं, जिसने मुख्य रूप से मंडी जिले में भारी नुकसान पहुँचाया है। जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास को इन आपदाओं का एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की आवश्यकता है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही
इन घटनाओं में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिला रहा है, जहाँ 10 से अधिक स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। सोमवार शाम से मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। कई घर, गौशालाएं और वाहन बह गए हैं। सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
तस्वीरों में तबाही का मंजर
इन बादल फटने की घटनाओं के बाद सामने आई तस्वीरें और वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। ब्यास नदी उफान पर है और उसके किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई जगहों पर भूस्खलन भी हुए हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार में भी बाढ़ जैसे हालात हो गए, जिसके बाद लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया। प्रशासन और आपदा राहत टीमें लगातार बचाव और राहत अभियान चला रही हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
बचाव और सुरक्षा के उपाय
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
- मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें।
- सुरक्षित स्थानों पर रहें: नदियों के किनारे और पहाड़ी इलाकों से दूर रहें। भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों में जाने से बचें।
- आपातकालीन किट तैयार रखें: इसमें आवश्यक दवाएं, पानी, सूखे भोजन और अन्य जरूरी सामान शामिल करें।
- स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें: किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों और राहत टीमों से संपर्क करें।