कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू रोज़गार गारंटी योजना’ किए जाने पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के नाम बदलने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ‘धुरंधर’ है और उसका कोई मुकाबला नहीं है।
जयराम रमेश ने योजनाओं के नाम बदलने की पिछली घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, निर्मल भारत अभियान को स्वच्छ भारत अभियान बनाया गया। ग्रामीण एलपीजी वितरण कार्यक्रम को उज्ज्वला नाम दिया गया। उन्होंने कहा, “पैकेजिंग, ब्रांडिंग और नाम देने में ये धुरंधर हैं।”
महात्मा गांधी के नाम पर आपत्ति
जयराम रमेश ने विशेष रूप से महात्मा गांधी से संबंधित नाम बदले जाने पर अपनी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हैरानी इस बात की है कि पंडित नेहरू से तो इन्हें नफरत है लेकिन महात्मा गांधी से इतनी नफरत?” उन्होंने सवाल उठाया कि जो योजना 2005 से ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी योजना’ के नाम से चल रही है, उसका नाम बदलकर ‘पूज्य बापू रोज़गार गारंटी योजना’ क्यों किया जा रहा है? उन्होंने सीधे पूछा, “महात्मा गांधी नाम से क्या दिक्कत है?”
रमेश ने जोर देकर कहा कि नाम बदलने की यह राजनीति अनुचित है और भाजपा सरकार महात्मा गांधी जैसे सम्मानित राष्ट्रीय व्यक्तित्व के नाम से भी बचना चाहती है।


