छत्तीसगढ़ में ‘मेरा घर-पीएम सूर्यघर‘ जनजागरण अभियान की शुरूआत हो गई है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रदेश में वर्ष 2027 तक 5 लाख घरों में रूफटाप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह बात कही। उन्होंने चयनित कनिष्ठ यंत्रियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया और विद्युत कर्मियों को 12 हजार रुपये तक बोनस/एक्सग्रेसिया दीपावली के पूर्व देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का त्यौहार रोशनी का त्यौहार है। विद्युत कर्मियों से बढ़कर भला ‘‘रोशनी बांटने वाला’’ कौन हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के आव्हान के अनुरूप हमने भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लिया है। राज्य की अधोसंरचना को मजबूत करते हुए एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। आने वाले दिनों में राज्य के कृषि और उद्योग के क्षेत्रों में तेज प्रगति होगी तो हमें और भी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
रूफटॉप सोलर एक्प्लोरर एप लांच
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 375 कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति हुई है। आगे भी बिजली कंपनियों में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की जनजागरण सामग्रियों का विमोचन और लोकार्पण किया। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए रूफटॉप सोलर एक्प्लोरर एप का विमोचन किया।
सोलर से बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हितग्राहियों के घरों के आगे लगने वाली नाम-पट्टिकाओं का वितरण कर रहे हैं। यह प्रदेश के बिजली उत्पादकों की नाम पट्टिका भी है। वे जरूरतों की बिजली पैदा करेंगे अपितु अतिरिक्त बिजली का विक्रय कर बिजली विक्रेता भी बनेंगे। प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2027 तक पांच लाख घरों को रौशन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सोलर पैनल सप्लाई, इंस्टालेशन और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा।
ग्रीन एनर्जी को अपनाने की दिशा में बढ़ते रहेंगे
सीएम ने कहा कि सौर ऊर्जा के अधिकाधिक इस्तेमाल से परंपरागत तरीकों से हो रहे उत्पादन पर आने वाला दबाव भी घटेगा तथा हम ग्रीन एनर्जी को अपनाने की दिशा में सतत बढ़ते रहेंगे। शासकीय भवनों एवं सार्वजनिक स्थलों में आधिकाधिक रूप से सौर ऊर्जा को अपनाएंगे। प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक कृषि पंपों के माध्यम से सिंचाई सुविधा किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया है।