भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम भावनाओं को भड़काने और राज्य को अस्थिर करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में ‘बाबरी मस्जिद’ की तर्ज पर एक ढांचे की नींव रखे जाने की खबरों के बाद आया है, जिसमें निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर शामिल हैं।
गंभीर चिंता का विषय: बेलडांगा की घटना
अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बेलडांगा से आ रही खबरों पर कड़ी चिंता व्यक्त की है:
- उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी राजनीतिक फायदे के लिए मुस्लिम भावनाओं को बाँटने के लिए ‘सस्पेंड’ टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं।
- लोकल खबरों का हवाला देते हुए मालवीय ने दावा किया कि कबीर के मुस्लिम समर्थकों के समूह को ईंटें ले जाते हुए देखा गया है, और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल पुलिस इस काम में उनका साथ दे रही है और उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है।
- बेलडांगा राज्य के सबसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में से एक है, जहाँ संघर्षों का लंबा इतिहास रहा है।
NH-12 को खतरा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
मालवीय ने चेतावनी दी कि इस संगठित अशांति के गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- कोई भी संगठित अशांति NH-12 को ब्लॉक कर सकती है, जो उत्तरी बंगाल को राज्य के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण जीवनरेखा है।
- उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था, आवागमन और न सिर्फ राज्य के आंतरिक तालमेल बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर नतीजे होंगे।
वोट बैंक की राजनीति या धार्मिक प्रयास?
मालवीय ने इस परियोजना के उद्देश्य पर सवाल उठाया है, उन्होंने इस तथाकथित मस्जिद प्रोजेक्ट को कोई धार्मिक कोशिश नहीं, बल्कि एक राजनीतिक कोशिश बताया। उनके अनुसार, इसका एकमात्र उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और आगामी चुनावों के लिए वोट बैंक को मजबूत करना है। उन्होंने चेताया कि यह प्रयास बंगाल की स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है, जिससे तनाव बढ़ने और राज्य के सामाजिक ताने-बाने के टूटने का खतरा है। मालवीय ने अंत में कहा कि ममता बनर्जी किसी भी हद तक जाएँगी, “भले ही इसका मतलब पश्चिम बंगाल को उथल-पुथल की ओर धकेलना ही क्यों न हो।”


