पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मैंने सुना है कि वहां से हिंदू पलायन कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से भी हिंदू पलायन करेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू डरे हुए हैं। यह सब पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। यह देश और खासकर हिंदुओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि हिंदू एकजुट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन मेरा मानना है कि जल्द ही ये सब बंद हो जाएगा।
यह है मुर्शिदाबाद की पूरी घटना
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। यह घटना 12 और 13 अप्रैल, 2025 को हुई। विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भडक़ उठी, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने सडक़ों को अवरुद्ध कर दियाञ्। पुलिस वाहनों में आग लगा दी, सरकारी संपत्तियों, दुकानों और घरों में तोडफ़ोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और रेलवे स्टेशनों को भी नुकसान पहुँचाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि हथियारबंद भीड़ ने उनके घरों में घुसकर तोडफ़ोड़ की और कुछ मामलों में महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार भी किया। पीने के पानी के स्रोतों को भी दूषित करने की खबरें हैं।
3 लोगों की हत्या, 18 पुलिस कर्मी हुए घायल
इस हिंसा में हरगोबिंद दास (74 वर्ष) और उनके बेटे चंदन दास (40 वर्ष) को उनके घर में कथित तौर पर धारदार हथियारों से मार डाला गया। एक अन्य व्यक्ति इजाज मोमिन (21 वर्ष) की गोली लगने से मौत हो गई। लगभग 18 पुलिसकर्मी भी इस हिंसा में घायल हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कई कंपनियों को तैनात किया गया है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में धारा 163 (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। पुलिस सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिस पर हिंसा भडक़ाने का संदेह है। मुर्शिदाबाद में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के कारण फिलहाल नियंत्रण में है।