गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है! भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस साल समय से काफी पहले दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पुष्टि की है कि मानसून 24 मई, 2025 को केरल पहुंच गया है, जो इसकी सामान्य तिथि (1 जून) से पूरे 8 दिन पहले है। यह पिछले 16 सालों में सबसे जल्दी मानसून की शुरुआत मानी जा रही है। आईएमडी ने पहले ही इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया था। मानसून का समय से पहले आगमन इस पूर्वानुमान को और पुख्ता करता है। केरल में दस्तक देने के बाद मानसून धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ेगा। अगले कुछ दिनों में गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के तटीय इलाकों में 200 मिमी तक भारी बारिश की संभावना है। अभी मप्र, छत्तीसगढ़ में बादल छाए हैं और हल्की वर्षा हुई है। यह खबर गर्मी से जूझ रहे देश के लिए राहत लेकर आई है और उम्मीद है कि इस बार मानसून अच्छी बारिश लेकर आएगा, जिससे जल स्तर बढ़ेगा और सूखे की स्थिति से राहत मिलेगी।
इसलिए है एक रिकॉर्ड?
आमतौर पर, केरल में मानसून 1 जून के आसपास आता है। 2009 के बाद यह पहली बार है जब मानसून इतनी जल्दी पहुंचा है। इससे पहले, 2001 और 2009 में भी मानसून 23 मई को ही केरल पहुंच गया था। हालांकि, अब तक की सबसे शुरुआती एंट्री 1918 में दर्ज की गई थी, जब मानसून 11 मई को ही केरल पहुंच गया था। वहीं, 1972 में मानसून ने सबसे अधिक देरी से (18 जून को) दस्तक दी थी।
किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत
मानसून का जल्दी आना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत माना जा रहा है, खासकर कृषि क्षेत्र के लिए। समय पर और अच्छी बारिश से खरीफ (गर्मियों में बोई जाने वाली) फसलों की बुवाई जल्दी शुरू हो सकेगी, जिससे पैदावार में वृद्धि की उम्मीद है। यह देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।