मणिपुर में फिर हिंसा भडक़ी है जिससे पूरे देश का ध्यान इस ओर गया है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मणिपुर आज भी किसी चुनौती से कम नहीं है। अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कह दिया है कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। हमें इस पर विचार करना चाहिए। भागत ने कहा कि जनता ने जनादेश हे, सब कुछ उसी के अनुसारहोगा। इसमें संघ शामिल नहीं है। मणिपुर एक साल से हिंसा की आग में झुलस रहा है, इमें इस ओर प्राथमिकता से विचार करना चाहिए। मोहन भागवत का यह बयान मोदी सरकार के लिए संदेश है कि मणिपुर को यूं ही उसके हाल में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। जरूरी हो तो प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन समेत अन्य उपाय करने चाहिए।
सब कुछ बंदूक से हल नहीं होता : सुप्रिया
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर एनसीपी-एसएचपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं उनके बयान का स्वागत करता हूं क्योंकि मणिपुर भारत का हिस्सा है और जब हम अपने लोगों को इतना कष्ट सहते हुए देखते हैं तो यह हम सभी के लिए बेहद परेशान करने वाला होता है। यह कुछ ऐसा है जिसकी हम मांग कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन लंबे समय से मांग कर रहा है कि आइए चर्चा करें। आइए सभी दलों के साथ एक अच्छी समिति बनाएं, आइए मणिपुर को विश्वास दिलाएं। सब कुछ बंदूक से हल नहीं होता।