प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र से पहले देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये बजट सत्र है। मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं, उन्हें धरातल पर उतारा जाएगा। ये बजट अमृतकाल का एक महत्वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है, हमारा ये बजट 5 साल की दिशा तय करेगा। मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करने की मजबूत नींव वाला बजट लेकर हम कल देश के सामने आएंगे। हर देशवासी के लिए ये गर्व की बात है कि भारत बड़े एकोनामी वाले देशों में सबसे तेज बढऩे वाला देश है। 10 सालों में 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत अपार्चनुटी की पीक पर है। यह अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है। मैं देश के सभी सांसदों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि हम जनवरी 2024 से लेकर हमारे पास जितना सामथ्र्य था, जितनी लड़ाई लडऩी थी, लड़ ली। देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया। अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि हमने जो लड़ाई लडऩी है लड़ ली। अब देश के लिए लडऩा है, देश के लिए जूझना है।
प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने ढाई घंटे शोर-शराबा किया था
मोदी ने कहा कि आईए हम आने वाले साढ़े 4 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ देश के लिए समर्पित होकर संसद के इस गरिमामय मंच का उपयोग करें। जनवरी 2029 में आप चुनाव के लिए जाईए, संसद का उपयोग कर लीजिए। लेकिन तब तक देश की महिलाओं, गरीब, किसान को न्याय दिलाने के लिए काम करिए। 2014 के बाद कोई सांसद 5 साल के लिए आए, कुछ 10 साल के लिए मौका मिला। कई सांसद ऐसे थे, जिन्हें चर्चा करने का समय नहीं मिला। कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने संसद के महत्वपूर्ण समय का दुरुपयोग किया। सभी दलों से आग्रहपूर्वक कहता हूं कि जो पहली बार आए हैं, उनको अवसर दीजिए। हमें याद है कि पिछले सत्र में देश के चुने हुए प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने के लिए ढाई घंटे शोर-शराबा किया। याद रखिए हमें लोगों ने दल के लिए नहीं, देश के लिए भेजा है।