अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) क्रिकेट के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है, जो जून 2025 से टेस्ट क्रिकेट में और जुलाई 2025 से सफेद गेंद (वनडे और टी20) के मैचों में लागू होंगे। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य खेल में संतुलन लाना और विशेष रूप से गेंदबाजों को फायदा पहुंचाना है। इन बदलावों से उम्मीद की जा रही है कि क्रिकेट और अधिक रोमांचक होगा, खासकर वनडे प्रारूप में जहां हाल के वर्षों में बल्लेबाजों का दबदबा बढ़ा है। ये नए नियम आगामी श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच होने वाली वनडे सीरीज से लागू होंगे। टेस्ट क्रिकेट में नए नियम वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के बाद लागू होंगे।
वनडे में एक गेंद का नियम वापस
सबसे बड़ा बदलाव वनडे क्रिकेट में देखने को मिलेगा, जहां एक बार फिर से ‘सिंगल बॉल’ नियम को वापस लाया जा रहा है। वर्तमान में, वनडे में पारी की शुरुआत से दोनों छोर से दो नई गेंदों का उपयोग होता है। लेकिन नए नियम के तहत, पारी के पहले 34 ओवरों तक दोनों नई गेंदें उपयोग में रहेंगी। इसके बाद, 35वें ओवर की शुरुआत से पहले, फील्डिंग करने वाली टीम दोनों गेंदों में से किसी एक को चुनेगी, जिसका उपयोग शेष 16 ओवरों (35 से 50 ओवर) तक दोनों छोर से किया जाएगा। इस बदलाव का मुख्य लक्ष्य पुरानी गेंद से मिलने वाली रिवर्स स्विंग को वापस लाना है, जिससे गेंदबाजों को आखिरी ओवरों में बल्लेबाजों के खिलाफ अधिक मौके मिल सकें। अगर मैच बारिश या किसी अन्य कारण से 25 ओवर या उससे कम का होता है, तो पूरी पारी के लिए केवल एक ही नई गेंद का उपयोग किया जाएगा।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम में बदलाव
कन्कशन सब्स्टीट्यूट (सिर में चोट लगने पर खिलाड़ी का बदलाव) नियम में भी बदलाव किया गया है। अब टीमों को मैच शुरू होने से पहले पांच खिलाडिय़ों के नाम मैच रेफरी को देने होंगे, जिन्हें कन्कशन की स्थिति में सब्स्टीट्यूट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इन पांच खिलाडिय़ों में एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर शामिल होना अनिवार्य है। यह नियम खेल के दौरान किसी भी आकस्मिक चोट की स्थिति में टीमों को बेहतर विकल्प प्रदान करेगा।


