अभिनेता मनोज बाजपेयी ने हाल ही में छोटी बजट की फिल्मों के भविष्य और अपनी सफल वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर छोटी फिल्मों को सपोर्ट नहीं मिला तो सिनेमा खत्म हो जाएगा।
छोटी फिल्मों की अहमियत
- मनोज बाजपेयी का मानना है कि छोटी फिल्में ही भारतीय सिनेमा की विरासत को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- उन्होंने दुख जताया कि ‘भोंसले’ और ‘गली गुलियां’ जैसी फिल्मों में काम करने के बावजूद उन्हें पैसे की कमी का सामना करना पड़ा। उनका कहना है कि कोई भी छोटी फिल्में करके अमीर नहीं बन सकता।
‘द फैमिली मैन’ और फीस का मुद्दा
- मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया कि उन्हें ‘द फैमिली मैन’ जैसी बड़ी और सफल सीरीज के लिए भी शाहरुख या सलमान खान जैसी फीस नहीं मिलती है।
- उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स भी आजकल प्रोड्यूसर्स की तरह हो गए हैं और वे उन्हें कम पैसे देते हैं, जबकि विदेशी एक्टर्स को करोड़ों में फीस मिलती है। उन्होंने खुद को ‘सस्ते मजदूर’ बताया।
- मनोज बाजपेयी ने अपनी वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ को एक गेम चेंजर बताया।
- उन्होंने कहा कि इस सीरीज के बाद लोग 4-5 साल तक लगातार बेसब्री से इसके अगले सीजन का इंतजार करते हैं, जो किसी फिल्म या सीरीज के लिए बहुत बड़ी बात है।
- मनोज बाजपेयी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए ‘द फैमिली मैन 4’ के आने की पुष्टि भी की है।
मनोज बाजपेयी के इस बयान से एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में छोटी फिल्मों के संघर्ष और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कलाकारों के पारिश्रमिक के अंतर का मुद्दा गरमा गया है।


