पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 दिसंबर 2025 को बांकुड़ा के बड़जोड़ा में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में चल रहे एसआईआर के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और इसमें AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का दुरुपयोग कर वोट काटने की साजिश रची जा रही है।
यहाँ इस रैली और ममता बनर्जी के आरोपों के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
’एसआईआर’ (SIR) और AI तकनीक पर गंभीर आरोप
ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ‘विशेष गहन संशोधन’ (SIR) की आड़ में बंगाल के वैध मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाने की कोशिश कर रही है।
- AI का इस्तेमाल: सीएम ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार AI तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उन मतदाताओं की पहचान की जा सके जो तृणमूल कांग्रेस के समर्थक हैं। उन्होंने इसे ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ (शांत और अदृश्य धांधली) करार दिया।
- मृत मतदाताओं का मुद्दा: टीएमसी ने हाल ही में दावा किया था कि आधार डेटा के आधार पर 30 लाख से अधिक मतदाताओं को ‘मृत’ मानकर उनके नाम हटाने की तैयारी है, जो पूरी तरह से गलत है।
बीएलओ (BLO) की मौतों पर चिंता
मुख्यमंत्री ने बांकुड़ा की धरती से इस प्रक्रिया के कारण हो रही मौतों का मुद्दा भी उठाया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर के भारी दबाव और काम के बोझ के कारण कई Booth Level Officers (BLO) की मौत हो चुकी है। हाल ही में बांकुड़ा में भी एक बीएलओ का शव मिला था, जिसे ममता बनर्जी ने ‘अत्यधिक मानसिक तनाव’ का परिणाम बताया।
- ममता ने कहा, “यह प्रक्रिया केवल वोट सुधार नहीं, बल्कि लोगों की जान लेने और लोकतंत्र की हत्या करने का हथियार बन गई है।”
आगामी विधानसभा चुनाव (2026) की तैयारी
इस रैली को 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के शंखनाद के रूप में देखा जा रहा है। ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि एक भी वैध मतदाता का नाम सूची से हटा, तो वे चुप नहीं बैठेंगी और पूरे राज्य में आंदोलन छेड़ेंगी।


