भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को मज़बूत करने के लिए रूस और अमेरिका, दोनों देशों के साथ महत्वपूर्ण समझौतों पर कदम बढ़ाया है। ये दोनों समझौते (रूस से पाँचवी पीढ़ी का विमान और अमेरिका से सटीक मिसाइलें/गोले) भारत को भविष्य के युद्ध के लिए तैयार करने और क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन को बनाए रखने में एक निर्णायक भूमिका निभाएँगे।
रूस: पाँचवी पीढ़ी का स्टील्थ विमान (Su-57)
रूस ने भारत को अपनी सबसे उन्नत युद्धक मशीन, पाँचवी पीढ़ी के Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट देने का प्रस्ताव दिया है। पाँचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, जिसे अमेरिका के F-35 और चीन के J-20 का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। यह स्टील्थ तकनीक (Stealth Technology) से लैस है, यानी यह दुश्मन के रडार की पकड़ में मुश्किल से आता है। रूस की सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक (Rostec) ने बिना किसी शर्त के Su-57 की तकनीक (Technology Transfer) भारत को देने की पेशकश की है।
मेक इन इंडिया:
- रूस ने प्रस्ताव दिया है कि अगर भारत चाहे तो इन उन्नत लड़ाकू विमानों का उत्पादन भारत में ही किया जा सकता है। इसमें इंजन, रडार (AESA Radar), स्टील्थ तकनीक और AI सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों का हस्तांतरण शामिल है।
- यह ऑफर भारत की भविष्य की हवाई युद्ध की ज़रूरतों को पूरा करने और वायुसेना की शक्ति को कई गुना बढ़ाने वाला है।
अमेरिका: $93 मिलियन मूल्य के घातक हथियार
अमेरिका ने भारत को 93 मिलियन डॉलर (लगभग ₹773 करोड़) मूल्य के दो अत्यंत सटीक सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंज़ूरी दी है।
| हथियार का नाम | प्रकार | अनुमानित मात्रा | मुख्य विशेषताएँ |
| FGM-148 जेवलिन (Javelin) मिसाइल सिस्टम | एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) | 100 मिसाइलें + 25 लॉन्च यूनिट्स | फायर-एंड-फॉरगेट: यह मिसाइल दागने के बाद अपने लक्ष्य को स्वयं लॉक करके पीछा करती है। यह टैंकों के सबसे कमज़ोर ऊपरी हिस्से पर हमला करने में सक्षम है। |
| M982 एक्सकैलिबर (Excalibur) आर्टिलरी राउंड्स | सटीक-निर्देशित तोपखाना गोला | 216 राउंड्स | जीपीएस-निर्देशित: यह आर्टिलरी शेल GPS का उपयोग करके पारंपरिक गोलों की तुलना में बहुत अधिक सटीकता से लक्ष्य को भेदता है, जिससे सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए जा सकते हैं। |
- डील का महत्व: अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) के अनुसार, यह बिक्री भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी और भारतीय सेना की सटीकता (Precision) और बख्तरबंद लक्ष्यों का मुकाबला करने की क्षमता को तेज़ी से बढ़ाएगी।


