दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली के दौरान, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय राजनीति में ‘SIR’ (संभावित रूप से किसी चुनावी मुद्दे या प्रक्रिया) को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और भाजपा पर निशाना साधा है।
खरगे और पायलट का चुनावी आयोग पर सीधा हमला
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने उनके सवालों का जवाब नहीं दिया और सदन में गलत जानकारी दी। खरगे ने आरोप लगाया, “हमने पूछा था कि वोट कैसे और किस तरह चुराए गए, और राहुल गांधी ने सबूतों के साथ इस बारे में बात की। हम लोगों को बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र और हरियाणा में जो सरकारें सत्ता में हैं, वे वोट चोरी करके सत्ता में आई हैं।”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए। पायलट ने कहा, “पूरे देश में आज ये सवाल बन चुका है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता संस्थाओं से गायब हो रही है। चुनाव आयोग ने जो रवैया अपनाया है वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने दुख जताया कि जब वे चुनाव आयोग से सवाल पूछते हैं, तो जवाब भाजपा के प्रवक्ता देते हैं। उन्होंने कहा कि महारैली लोगों की आवाज बनकर सवाल पूछेगी कि “चुनाव आयोग निष्पक्ष से काम क्यों नहीं कर रहा है?”
अन्य नेताओं की लामबंदी
- भूपेश बघेल ने स्पष्ट संदेश दिया कि रैली का मकसद पूरे देश में यह संदेश फैलाना है कि “वोट चोर गद्दी छोड़, क्योंकि ये जो सरकार बनी है वो वोट चोरी से बनी है।”
- राजीव ठाकुर ने कहा कि वे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि सभी को मिले एक वोट के अधिकार को छीनने का प्रयास किया जा रहा है और वे ऐसा होने नहीं देंगे।
- डी.के. शिवकुमार ने कहा कि वे सब यहाँ अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकत्रित हुए हैं, क्योंकि चुनाव हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
- हरीश रावत ने गृह मंत्री पर इतिहास खंगालने का दुष्प्रयास करने का आरोप लगाया, लेकिन कहा कि अमित शाह के पास राहुल गांधी के बुनियादी सवालों का कोई जवाब नहीं था।
- सलमान खुर्शीद ने रैली के व्यापक प्रभाव की उम्मीद जताई और कहा कि लोग बहुत उत्साह के साथ रैली में जुड़ रहे हैं।


