इस वर्ष का पितृपक्ष, जिसे महालय श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं, बेहद खास और सौ गुना फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिष और पंचांग के जानकारों के अनुसार, इस साल कई दशकों बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जब श्राद्ध पक्ष के दौरान कई अत्यंत शुभ योग एक साथ पड़ रहे हैं। पितृपक्ष आज, 7 सितंबर 2025 से शुरू हो गया है और 21 सितंबर तक चलेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष वह समय होता है जब पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्म किए जाते हैं। इस साल का पितृपक्ष इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई शुभ योगों का संगम हो रहा है, जो श्राद्ध कर्मों के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देगा।
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस पितृपक्ष में गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे प्रमुख शुभ योग बन रहे हैं। विशेष रूप से, 18 सितंबर को पड़ने वाला गुरु पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ माना गया है। इस दिन किए गए श्राद्ध, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का फल कई गुना अधिक मिलता है। इसके अलावा, इस दौरान पड़ रहे सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग सभी कार्यों को सफल बनाने और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले माने जाते हैं।
पंडितों का कहना है कि ऐसे दुर्लभ संयोग में किए गए श्राद्ध से पितर शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस साल का पितृपक्ष उन सभी के लिए एक विशेष अवसर है जो अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।