More
    HomeHindi Newsमहाकुंभ ने दुनिया में बनाया महारिकॉर्ड.. यूनेस्को ने भी माना, आप भी...

    महाकुंभ ने दुनिया में बनाया महारिकॉर्ड.. यूनेस्को ने भी माना, आप भी रह जाएंगे हैरान

    12 साल में लगने वाला कुंभ न सिर्फ धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सनातन धर्म और भारतीय सभ्यता से जुड़ी संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। महाकुंभ का धार्मिक महत्व है? सनातन धर्म में इसे अति विशेष बताया गया है। इसकी कहानियां समुद्र मंथन से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में दुनियाभर में इस आयोजन को लेकर उत्सुकता थी। ऐसे में उप्र की योगी सरकार ने बड़ी तैयारियां की थीं। सरकार को उम्मीद थी कि 45 करोड़ श्रद्धालु देश-दुनिया से आएंगे। लेकिन सरकार की इस उम्मीद से विपरीत अब तक 55 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ आ चुके हैं। ऐसे में 26 फरवरी के समापन तक यह आंकड़ा 65 करोड़ तक जा सकता है। एक तरह से यह भारत की आधी आबादी है, जो कुंभ में स्नान कर चुकी है।

    3 लाख करोड़ से अधिक का व्यापार

    महाकुम्भ ने 03 लाख करोड़ से अधिक का व्यापार उत्पन्न किया है, जिससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन गया है। विश्व के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन ने व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

    100 वर्षों का सबसे बड़ा आयोजन

    यूनेस्को के दक्षिण एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक टिम कर्टिस ने कहा कि कुंभ, प्राकृतिक व सांस्कृतिक धरोहर की अमूर्त विरासत के रूप में विश्व को नई दृष्टि प्रदान करता है। यूनेस्को ने 2017 में कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी थी। ‘महाकुम्भ-2025’ के मुकाबले इतिहास में इतने बड़े मानव समागम का विश्वभर में कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। 100 वर्षों के महाकुम्भ और अन्य वैश्विक आयोजनों की तुलना में यह सबसे बड़ा है।

    1,085 चार्टर विमानों का आवागमन

    महाकुम्भ मेले में रिकॉर्ड संख्या में विमानों से यात्रियों की आवाजाही हो रही है। 37 दिन में ही प्रयागराज एयरपोर्ट पर 1,085 चार्टर विमानों का आवागमन हो चुका है।

    388 ट्रेनें चलाईं, 8,500 बसें चल रहीं

    महाकुम्भ में आने वाले जनसमुदाय को परिवहन व्यवस्थाओं के माध्यम से नियंत्रित किया गया। रेलवे ने पहली बार एक ही दिन में 388 ट्रेनें चलाईं। एक ही दिन में 8,500 रोडवेज बसों का संचालन किया गया, तो प्रयागराज एयरपोर्ट पर एक ही दिन में 20,297 यात्रियों का आवागमन हुआ।

    प्रतिदिन 01 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ रहे

    महाकुम्भ के तीनों अमृत स्नान पर्वों और मुख्य स्नान तिथियों के बाद भी संगम की पावन धर्म धरा पर आस्था एवं अध्यात्म का विराट दर्शन हो रहा है। प्रतिदिन 01 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं। महाकुंभ मेले में अभी 7 दिन का समय बाकी है। ऐसे में समापन के अवसर पर महाशिवरात्रि में फिर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments