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    भगवान श्रीराम इस धरती के भांजे हैं, PM मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर अटल नगर में राज्य विधानसभा के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इस भव्य और आधुनिक भवन को ‘ग्रीन बिल्डिंग’ अवधारणा पर तैयार किया गया है, जिसकी योजना इसे पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित करने और वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rainwater Harvesting System) से सुसज्जित करने की है। प्रधानमंत्री ने ‘राम से राष्ट्र’ का एक और अर्थ बताते हुए कहा कि इसका मतलब है मानवता विरोधी ताकतों और आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा। उन्होंने कहा, “यही तो हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा। भारत आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आज नक्सलवाद और माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है और अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है।

    प्रधानमंत्री ने इस अवसर को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए ‘स्वर्णिम शुरूआत का दिन’ बताया। उन्होंने कहा कि यह भव्य लोकार्पण केवल एक इमारत का समारोह नहीं है, बल्कि 25 वर्षों की जन आकांक्षा, जन संघर्ष और जन गौरव का उत्सव बन गया है।


    अटल जी को किया नमन

    प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया। उन्होंने कहा, “साल 2000 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया तो वो निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं था, वो निर्णय था छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान दिलाने का।” मोदी ने कहा कि आज जब इस विधानसभा भवन के साथ-साथ अटल जी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है, तो मन कह उठता है, “अटल जी जहां भी हों, अटल जी देखिए आपका सपना साकार हो रहा है।”


    ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प और सुशासन

    प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह हमारा छत्तीसगढ़ तो भगवान श्री राम का ननिहाल है। भगवान श्री राम इस धरती ते भांजे हैं।” उन्होंने कहा कि इस नए परिसर में श्री राम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता। मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के समय लिए गए ‘देव से देश’ और ‘राम से राष्ट्र’ के संकल्प को दोहराया। उन्होंने ‘राम से राष्ट्र’ का अर्थ समझाते हुए कहा, सुशासन और जनकल्याण का राज। ‘सबका साथ-सबका विकास’ की भावना से शासन। गरीबी से मुक्त, स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण।


    उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास को प्रेरणास्रोत बताते हुए याद किया कि 2000 में जब राज्य की स्थापना हुई थी, तब पहली विधानसभा की बैठक सीमित संसाधनों के बीच रायपुर के राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में हुई थी, लेकिन सपने असीम थे।

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