हरियाणा की अनु कुमारी (Anu Kumari) ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में द्वितीय रैंक (AIR-2) हासिल की है। अनु कुमारी का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। उनकी शादी 2012 में हुई थी और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। उनके जीवन में एक नया मोड़ तब आया जब उन्होंने अपने करियर को फिर से शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और बच्चे की देखभाल के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की।
अनु की स्कूली पढ़ाई हरियाणा में हुई। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से भौतिकी में ग्रेजुएशन किया। सोनीपत से दिल्ली तक ट्रेन से सफर करते हुए उन्होंने पढ़ाई पूरी की। इसके बाद नागपुर से MBA किया और मुंबई के एक बैंक में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी मिल गई। 2012 में अनु की शादी गुरुग्राम में हुई। शादी और बच्चे के बाद भी अपने सपनों को नहीं छोड़ा। बेटे की उम्र जब ढाई साल थी, तब उन्होंने UPSC की तैयारी करने का बड़ा निर्णय लिया।
बेटे से दूर रहना, समाज की बातें सुनना और असफलता का डर के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। अनु कुमारी ने अपने पति और परिवार के समर्थन से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से अपनी पढ़ाई जारी रखी। उनकी तैयारी में कई चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी।
उनकी मेहनत और लगन का फल तब मिला जब उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में द्वितीय रैंक हासिल की। यह उनके लिए एक बड़ा सम्मान था और उन्होंने साबित कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत करता है, तो वह अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
अनु कुमारी की कहानी उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। यह साबित करता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों और करियर को एक साथ संभाला जा सकता है। उनकी सफलता ने दिखाया कि परिवार के साथ भी सफलता हासिल की जा सकती है।