बिहार में इसी वर्ष 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यहां मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन में है। एनडीए में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, भाजपा और कई छोटे दल शामिल हैं। वहीं इंडिया गठबंधन में राजद और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लडऩे की संभावना है। ऐसे में उम्मीद थी कि राहुल गांधी बिहार पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे, लेकिन कांग्रेस की नजर बिहार छोडक़र गुजरात पर है। यह इसलिए क्योंकि राहुल गांधी ने यहां अपना दो दिवसीय दौरा शुरू कर दिया है। गुजरात में 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि इसी की तैयारी के लिए राहुल का यह दौरा हुआ है। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रदेश अध्यक्षों और नेताओं सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।
यह है राहुल की दौरे का मकसद
राहुल गांधी के दौरे से पहले कांग्रेस महासचिव के केसी वेणुगोपाल अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने कहा कि गुजरात में राहुल गांधी जिला कांग्रेस समितियां के अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्षों और वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। राहुल यहां कार्यकर्ताओं से भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव के जीतने के मिशन के साथ आगे बढ़ रही है।
139 साल बाद तीसरी बार गुजरात में सम्मेलन
गुजरात के अहमदाबाद में अगले माह अप्रैल में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। 139 साल में कांग्रेस का यह तीसरा सम्मेलन है जो गुजरात में हो रहा है। इससे पहले 1936 और 1961 में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यानी अब 64 साल बाद गुजरात में यह सम्मेलन हो रहा है।
गुजरात है भाजपा का मजबूत गढ़
गुजरात में भाजपा ने 1990 में पहली बार सत्ता का स्वाद चखा था। इसके बाद भाजपा ने 1992 से 95 के बीच अपनी जड़ें मजबूत की और अपने दम पर सरकार बनाई। 2002 में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने तो इसके बाद से भाजपा लगातार जीत दर्ज करते आ रही है। गुजरात भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुका है।
2017 में कांग्रेस ने दिखाया था दम
बीते सालों में कांग्रेस कभी यहां मजबूत नहीं रही। 2017 में उसने अपना दमखम दिखाया लेकिन पार्टी फिर भी सत्ता से बाहर रही। 2022 के चुनाव में चुनाव से पहले भाजपा ने यहां पूरा मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री तक बदल दिया इसका असर यह हुआ की 2022 में हुए चुनाव में भाजपा को यहां शानदार जीत मिली। अब देखना होगा कि कांग्रेस भाजपा का यह गढ़ भेद पाती है या नहीं।