सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनके खिलाफ अब अवमानना (Contempt) का मुकदमा चलाया जाएगा। इस कार्यवाही को शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने अपनी सहमति दे दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख विकास सिंह ने कोर्ट से राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई का अनुरोध किया था।
दीवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दीवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं है और इसे दूसरों की संस्थागत अखंडता और गरिमा की कीमत पर नहीं छीना जा सकता। वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने पीठ को बताया कि 6 अक्टूबर की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा हुआ है और इससे संस्थागत अखंडता और गरिमा को ठेस पहुँच रही है।
6 अक्टूबर की है घटना
6 अक्टूबर को वकील राकेश किशोर (71 वर्षीय) ने मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष में उनकी ओर जूता फेंका, जिससे सुरक्षा में चौंकाने वाली चूक सामने आई। तुरंत सुरक्षाकर्मियों ने वकील को हिरासत में ले लिया। हंगामे के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश गवई शांत रहे और उन्होंने कार्यवाही जारी रखी। उन्होंने इस घटना को “भूला हुआ अध्याय” बताया था। इस कृत्य के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।