प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के दौरान इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा पहुंचे, जहाँ उन्होंने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इथियोपियाई संसद दुनिया की 18वीं ऐसी संसद बन गई है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया है।
संसद में संबोधन: ‘अपनापन और शेरों का नाता’
इथियोपियाई संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच के सांस्कृतिक और प्राकृतिक संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा: “आज शेरों की इस पावन धरती पर खड़ा होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मुझे यहाँ गुजरात जैसा अपनापन महसूस हो रहा है, क्योंकि मेरा गृह राज्य भी शेरों का घर है।” “भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों हमारी ज़मीन को माँ कहते हैं। वे हमें अपनी विरासत, संस्कृति, सुंदरता पर गर्व करने और मातृभूमि की रक्षा करने के लिए प्रेरित करते हैं।” संसद पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने अदवा विजय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और अदवा संग्रहालय का दौरा किया, जो इथियोपिया के गौरवशाली इतिहास और संप्रभुता का प्रतीक है।
रक्षा और व्यापार पर विशेष जोर
प्रधानमंत्री मोदी और इथियोपियाई प्रधानमंत्री अबी अहमद के बीच द्विपक्षीय वार्ता में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग मुख्य केंद्र रहे। विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों देशों ने इस साल की शुरुआत में रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए थे। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि भारत हर क्षेत्र में इथियोपिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। भारत और इथियोपिया व्यापार, निवेश और क्षमता निर्माण (Capacity Building) के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करने पर सहमत हुए हैं।
यात्रा का महत्व
यह यात्रा न केवल भारत और इथियोपिया के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, बल्कि अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री का यह दौरा ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को बुलंद करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


