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    इको टूरिज्म का हब बनेगा कूनो.. मप्र में 3 स्थानों पर बसाए जाएंगे चीते

    श्योपुर के सेसई पूरा के जंगल रिसोर्ट में चीता पुनस्र्थापन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था आधारित गतिविधियों से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा और वन्य जीवों के साथ जंगल का भी संरक्षण होगा। डॉ. यादव ने 71.89 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को इको टूरिज्म का बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जायेगी। इससे रोजगारोन्मुख अर्थव्यवस्था संचालित करने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में कूनो में ही लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही गांधी सागर अभयारण्य में भी ऐसी गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। प्रदेश में वन आधारित अर्थ-व्यवस्था का नया मॉडल विकसित होगा। केंद्र सरकार के सहयोग से जल, जंगल, जमीन, वन्य प्राणी के संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगारोन्मुखी अर्थ-व्यवस्था बनेगा।
    अफ्रीका और नामीबिया की टीम सर्वे करेगी
    केंद्रीय वन, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा की मध्यप्रदेश इको टूरिज्म का केंद्र बिंदु है। जंगलों, अभयारण्य, टाइगर रिजर्व क्षेत्र अन्य जगहों पर की तुलना में सबसे ज्यादा क्षेत्र मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं। समीक्षा बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चीता पुनस्र्थापना वन्य क्षेत्र के जुड़ाव से एक सर्किट बनता है। कूनो को इको टूरिज्म का हब बनाया जाएगा और केंद्रीय इको टूरिज्म केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। वर्तमान में कूनो में 21 चीता हैं और यह एक बड़ी संभावनाओं का क्षेत्र है। देश में कुल 10 वन्य क्षेत्र को इस संबंध में चिन्हित किया गया था। तीन केंद्र मध्य प्रदेश में हैं एक कूनो, दूसरा गांधी सागर और तीसरा नौरादेही इन तीनों जगह पर जल्दी ही अफ्रीका और नामीबिया की टीम जाकर सर्वे भी करेगी और आने वाले समय में इन जगहों पर चीता को बसाया जाएगा।
    लोगों को रोजगार से जोड़ेंगे
    मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि जंगल आधारित अर्थव्यवस्था को संचालित करने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के निर्देशानुसार काम किया जाएगा। इसके लिए अलग से राज्य स्तर पर सेल बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट बनाकर संबंधित क्षेत्र के इको टूरिज्म वाली जगहों पर लोगों को रोजगार से जोडऩे इसके लिए डेवलपमेंट और अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित करेगी। श्योपुर कूनो से इसका शुभारंभ होगा। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव वन जे एन कंसोटिया, आयुक्त दीपक सिंह, दिल्ली से आए डीजीएफ जितेंद्र कुमार एवं चीता प्रोजेक्ट के सलाहकार एसपी यादव उपस्थित थे।
    एलीफेंट प्रोजेक्ट भी चलाया जाएगा
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निवेदन पर केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश एलीफेंट प्रोजेक्ट भी चलाया जाएगा और हाथियों से बचाव के लिए स्थानीय लोगों को शिक्षित किया जाएगा। स्थानीय लोगो को गजमित्र बनाया जायेगा। प्रोजेक्ट एलिफेंट के अंतर्गत केंद्रीय दल मध्य प्रदेश आएगा जो असम और केरल के राज्यों के अनुभवों के साथ यहां के हाथियों के झुंड की व्यवहारों का अध्ययन करेगा और उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा। इससे हाथियों के संरक्षण पर काम किया जा सके।

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