भारत के पूर्व क्रिकेटर और बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने दावा किया है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहते थे, लेकिन टीम के भीतर बने नकारात्मक माहौल के कारण उन्हें इस प्रारूप को छोड़ना पड़ा। मनोज तिवारी के इस बयान ने भारतीय क्रिकेट के भीतर के माहौल और ड्रेसिंग रूम के अंदरूनी गतिरोध को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
मनोज तिवारी के मुख्य आरोप
तिवारी के अनुसार, दोनों दिग्गज खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते थे और इसमें अपनी सेवाएं देना जारी रखना चाहते थे। लेकिन टीम प्रबंधन द्वारा किए गए ‘गैर-ज़रूरी ट्रांजिशन’ (Unnecessary Transition) और उनके आस-पास बनाए गए ‘खराब माहौल’ ने उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर कर दिया।तिवारी ने ‘ट्रांजिशन फेज’ जैसे शब्दों को सिरे से खारिज किया।
- उनका कहना है कि भारत को ट्रांजिशन की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि घरेलू क्रिकेट में प्रतिभावान खिलाड़ियों की भरमार है जो मौके का इंतज़ार कर रहे हैं।
- उन्होंने आरोप लगाया कि इस ‘गैर-ज़रूरी ट्रांजिशन’ के कारण ही रोहित और विराट जैसे स्टार प्लेयर्स धीरे-धीरे पीछे हट गए, जबकि वे खेल की शुचिता को बनाए रखना चाहते थे।
- तिवारी ने हेड कोच गौतम गंभीर के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में हार के बाद बल्लेबाजों की तकनीक पर दोष मढ़ा था।
- उन्होंने कहा, “कोच के रूप में आपका काम सिखाना है, आरोप लगाना नहीं।”
- तिवारी ने सवाल उठाया कि अगर बल्लेबाजों का डिफेंस मजबूत नहीं था, तो मैच से पहले उन्हें ट्रेनिंग क्यों नहीं दी गई?
संन्यास की पृष्ठभूमि
- विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ से ठीक पहले, कुछ ही हफ्तों के अंतर में, अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
- दोनों खिलाड़ी अब केवल वनडे (ODI) फॉर्मेट में ही सक्रिय हैं।


