महाराष्ट्र के पूर्व विधायक और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर एक बेहद विवादित और भड़काऊ बयान दिया है, जिसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। उन्होंने किसानों को अपनी जान लेने के बजाय विधायकों को हिंसक तरीके से निशाना बनाने की अपील की है, ताकि सरकार उनके मुद्दों पर तुरंत ध्यान दे।
अमरावती जिले में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए, बच्चू कडू ने कथित तौर पर कहा, “आत्महत्या क्यों करें? विधायक को मार दें, काट दें।” उन्होंने किसानों को और भी उकसाते हुए यह भी कहा कि अगर वे चाहते हैं कि सरकार पटरी पर आए, तो उन्हें विधायकों के आवासों के सामने बिना कपड़ों के जाकर बैठना चाहिए और अभद्र प्रदर्शन करना चाहिए। कडू ने तर्क दिया कि अगर ऐसे कदम उठाए गए, तो सरकार मजबूरन उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।
यह भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री संजय शिरसाट ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की। मंत्री शिरसाट ने बच्चू कडू को किसानों को हिंसा के लिए उकसाने से बचने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “बच्चू कडू को ये सब खुद करना चाहिए। क्या वह (उन्हें भड़काकर) किसानों के खिलाफ और अपराध दर्ज करवाना चाहते हैं? उन्हें अपनी ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए।”
शिरसाट ने कहा कि बाढ़ और बारिश के कारण किसान पहले से ही संकट में हैं, और ऐसे में कडू के भड़काऊ बयान अपराध और हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने पूर्व विधायक को जिम्मेदारी से बोलने और किसानों की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए एक रचनात्मक तरीका अपनाने की सलाह दी।
बच्चू कडू अपने आंदोलनकारी रुख और किसानों के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों और आम जनता के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है कि यह राज्य में हिंसा और अराजकता को बढ़ावा दे सकता है। सरकार और विपक्ष, दोनों ने किसानों के प्रति सहानुभूति जताते हुए इस तरह की हिंसक बयानबाजी की निंदा की है।