कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपने मालिकाना हक की 5 एकड़ भूमि लौटाएगा। दरअसल सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को कर्नाटक सरकार की ओर से जमीन मिली थी, जिसे लौटाने का फैसला खरगे परिवार ने लिया है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण का यह मामला सुर्खियों में आने के बाद भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि सरकार ने ट्रस्ट को 5 एकड़ भूमि आवंटित की थी, जिसे खरगे परिवार के ट्रस्ट को सौंप दिया गया।
खरगे के बेटे ने लिखा पत्र
मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष राहुल खरगे ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआइएडीबी) के सीईओ को पत्र लिखकर सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित 5 एकड़ भूखंड का स्वामित्व रद्द करने की मांग की। केआइएडीबी के सीईओ को 20 सितंबर, 2024 को लिखे पत्र में राहुल ने कहा था कि हम प्रस्ताव वापस लेते हैं और बोर्ड से अनुरोध करते हैं कि बेंगलुरु में बहु कौशल विकास केंद्र और अनुसंधान केंद्र के लिए भूखंड का आवंटन रद किया जाए। राहुल ने यह कदम मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती द्वारा 14 भूखंड लौटाने के बाद उठाया है।
अवैध रूप से जमीन मिली थी
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि MUDA स्कैम हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शामिल थे। उन्होंने पहले तो आरोपों को खारिज किया और इसके बाद उनकी पत्नी ने जमीनें वापस कर दीं। अब यही देखकर खरगे परिवार को अवैध रूप से ्यढ्ढ्रष्ठक्च की जो पांच एकड़ की ज़मीन मिली थी, उसे लौटाने की पेशकश करना यानि अपने भ्रष्टाचार को स्वीकारना है।