दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के 2 दिन बाद इस्तीफे के बयान पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति परिवारवाद के खिलाफ बोलता था, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता था, सरकारों की अनियमितताओं के बारे में कसम खा-खाकर बोलता था, वही व्यक्ति शराब घोटाले में 170 दिन जेल में रहकर, लौटकर आने के बाद इस बात को समझता है कि जनता में उनके प्रति नकारात्मकता आई है। इससे बचने के लिए सहानुभूति कार्ड वे खेल रहे हैं। इस्तीफा तब देते जब आपको जेल जाना पड़ा तो आप सुचिता का उदाहरण प्रस्तुत करते। लेकिन तब उन्होंने चीख-चीख कर कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे।
पत्नी को सीएम बनाने की है जुगत
राकेश सिंह ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद जब उन्हें ध्यान में आया कि पूरे देश में उनके खिलाफ एक वातावरण निर्मित हो चुका है तो वे इस्तीफे की बात कर रहे हैं। जो व्यक्ति परिवारवाद का विरोध करता था, वो अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर क्या संदेश देना चाहता है कि उनकी पार्टी में और कोई योग्य नहीं है? दागी तो वे सभी हैं, लेकिन दागियों के बीच में ही जब उन्हें जिम्मेदारी सौंपनी है तो उनका परिवार और उनकी पत्नी क्यों?