छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर सुरक्षाबल द्वारा चलाए गए कर्रेगुट्टा नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। अब सुरक्षा बलों ने यहां पर भारत का झंडा लहरा दिया है। 31 टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं। यह नक्सलियों का अंतिम किला था, जो कि अब ध्वस्त हो चुका है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सुरक्षाबल द्वारा चलाए गए कर्रेगुट्टा नक्सल विरोधी अभियान पर कहा कि सुरक्षाबलों ने बहुत ही कठिन ऑपरेशन चलाया। सूचना मिली थी कि वह स्थान नक्सलियों का शरणथली बना हुआ है। ऐसे इलाके में कठिन ऑपरेशन करते हुए सुरक्षाबलों ने इतने बड़े पैमाने पर हथियार, आईईडी और राशन सामग्री को जब्त किया। साथ ही 31 नक्सली जिन पर लगभग 2 करोड़ का इनाम था, वह मारे गए। निश्चित रूप से यह बहुत कठिन ऑपरेशन था, जिसे बखूबी अंजाम दिया गया।
मार्च 2026 तक सफाया करेंगे
सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान पर सीआरपीएफ कमांडेंट आनंद ने बताया कि हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मार्च 2026 की एक समय सीमा निर्धारित की है उसी को देखते हुए अब लगातार यहां पर अभियान चलाए जा रहे हैं। कई कैंप खोले गए हैं और उसकी बदौलत जो इलाके उनके(नक्सली) लिए सेफ माने जाते थे उन्हें छोडक़र वे इस पहाड़ी में आए हैं। इस जगह को उनसे मुक्त कराने के लिए इस अभियान को अंजाम दिया गया।