पुणे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कारगिल युद्ध के एक सैनिक के परिवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल के 15-20 कार्यकर्ताओं की एक भीड़ ने रिटायर्ड सैनिक हकीमुद्दीन के घर में जबरदस्ती घुसकर उनके परिवार से भारत का नागरिक होने का प्रमाण पत्र मांगा।
क्या है पूरा मामला?
हकीमुद्दीन, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी थी, फिलहाल अपने पैतृक गांव में रह रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य पुणे में रहते हैं। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उनके घर के दरवाजे तोड़ दिए और परिवार से जबरन आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य नागरिकता दस्तावेज दिखाने को कहा। जब परिवार ने विरोध किया, तो कार्यकर्ताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकी दी।
इस घटना के बाद, हकीमुद्दीन के बेटे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, भीड़ का नेतृत्व कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
लोगों में आक्रोश
सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद, लोगों में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है। लोग बजरंग दल के इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह उन सैनिकों का अपमान है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना की आलोचना की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हकीमुद्दीन के बेटे ने मीडिया को बताया कि उनका परिवार पिछले कई दशकों से भारत में रह रहा है और वे देश के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने देश की सेवा की है और अब उन्हें इस तरह अपमानित किया जा रहा है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।