अभिनेता श्रेयस तलपड़े और तुषार कपूर की हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘कंपकपी’ (Kapkapiii) हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई, और दर्शकों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। उम्मीद थी कि यह फिल्म दर्शकों को डराएगी और हंसाएगी, लेकिन लगता है कि यह डराने से ज्यादा हंसाने में कामयाब रही है।
कहानी और प्लॉट:
फिल्म की कहानी एक डरावनी हवेली के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां भूतों का डेरा है। श्रेयस और तुषार की जोड़ी दो ऐसे दोस्तों का किरदार निभाती है, जो किसी वजह से इस हवेली में फंस जाते हैं और फिर हॉरर के साथ कॉमेडी का तड़का लगता है। फिल्म की शुरुआत में कुछ डरावने सीन हैं, लेकिन जल्द ही कॉमेडी का पलड़ा भारी हो जाता है।
अभिनय और कॉमेडी:
श्रेयस तलपड़े और तुषार कपूर की कॉमिक टाइमिंग कमाल की है। दोनों ने पहले भी कई कॉमेडी फिल्मों में साथ काम किया है और उनकी केमिस्ट्री पर्दे पर साफ दिखती है। ‘कंपकपी’ में भी उनकी जोड़ी दर्शकों को हंसाने में सफल रही है। फिल्म के वन-लाइनर्स और सिचुएशनल कॉमेडी अच्छी है, जिससे दर्शक ठहाके लगाने पर मजबूर होते हैं। हालांकि, हॉरर के मोर्चे पर फिल्म थोड़ी कमजोर पड़ती है। डर के जो पल आते हैं, वे या तो अनुमानित होते हैं या फिर कॉमेडी के कारण उनका प्रभाव कम हो जाता है।
डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले:
डायरेक्शन ठीक-ठाक है, लेकिन हॉरर और कॉमेडी के संतुलन को बनाए रखने में थोड़ी चूक हुई है। फिल्म डराने की कोशिश करती है, लेकिन दर्शकों को बांधे रखने के लिए पर्याप्त थ्रिल नहीं दे पाती। स्क्रीनप्ले में भी कुछ जगहों पर ढीलापन महसूस होता है, जिससे कहानी थोड़ी धीमी पड़ जाती है।
क्या देखें या नहीं?
अगर आप हॉरर से ज्यादा कॉमेडी पसंद करते हैं और श्रेयस-तुषार की जोड़ी के फैन हैं, तो ‘कंपकपी’ आपको निराश नहीं करेगी। यह एक हल्की-फुल्की फिल्म है जो आपको हंसाएगी, लेकिन अगर आप एक गंभीर हॉरर अनुभव की तलाश में हैं, तो शायद आपको कुछ और देखना चाहिए। कुल मिलाकर, ‘कंपकपी’ एक ऐसी फिल्म है जो डराने से ज्यादा अपनी कॉमेडी से प्रभावित करती है।